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Health benifits of milk

दूध के फायदे ,Benifits of milk, Milk a complete die,t Doctor's advice

दूध, एक उत्तम आहार ( The perfect food, Milk )

Written by:Dr. Sharad Agrawal

 

दूध हमारे लिए सर्वोत्तम आहार है. दूध में मनुष्य के लिए आवश्यक लगभग सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं. दूध के जमने से दही बनता है. दही में भी सभी आवश्यक तत्व पाए जाते हैं. आमतौर पर दूध एक बहुत आसानी से पचने वाला भोजन है पर कुछ लोगों को दूध को पचाने में दिक्कत होती है. ऐसा होने का सबसे कॉमन कारण है लैक्टोज का  न पचना. दूध में लैक्टोज नामक एक शुगर होती है जिसको पचाने के लिए प्रकृति ने हमारी आंतों में लैक्टेज नाम का एक एंजाइम बनाया है. पांच वर्ष की आयु के बाद आंतों में इस एंजाइम की मात्रा कम होने लगती है. इस कारण से  कुछ लोगों में दूध का पाचन नहीं हो पाता है. जिन लोगों की आंतों में लैक्टेज की कमी के कारण दूध का  पाचन नहीं होता  वे जब दूध पीते हैं तो उन्हें पेट में  मरोड़  व गड़गड़ाहट होती है और दस्त होने लगते हैं. ऐसे लोगों को दही को  पचाने में कोई परेशानी नहीं होती है क्योंकि दूध से दही बनते समय दही के बैक्टीरिया लैक्टोज़ को लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं. दूध के ना पचने की परेशानी को मिल्क इंटॉलरेंस या लैक्टोज इंटॉलरेंस कहते हैं. जिन लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस होती है उन्हें दही के अतिरिक्त दूध से बनने वाली और कोई चीज जैसे चाय, दूध का दलिया, खोया, छेना, पनीर, आइसक्रीम, कुल्फी या चॉकलेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. दही और मट्ठा वे अधिक मात्रा में ले सकते हैं. बकरी के दूध में भी लैक्टोज़ कम मात्रा में होता है. सोया मिल्क में लैक्टोज़ नहीं होता.

बहुत से लोग यह समझते हैं कि दूध पीने से उन्हें गैस बनती है. वास्तव में दूध पीने से किसी को गैस नहीं बनती. इनमें से कुछ लोगों को मिल्क इंटॉलरेंस होती है जिसके कारण दूध पीने से उन्हें परेशानी होती है. कुछ लोगों को अत्यधिक एसिडिटी होती है. वे कोई भी चीज पिएँ, उनका आमाशय पूरा भरने पर एसिड मिला हुआ भोजन खाने की नली में आने लगता है. भ्रमवश वे यह समझते हैं कि उन्हें दूध से गैस बन रही है.

बहुत से लोगों को यह गलत फहमी होती है कि उन्हें दूध से बलगम बनता है. वास्तव में दूध से बलगम नहीं बनता है बल्कि जो बलगम पहले से बना हो तथा सांस की नली में चिपका हो वह दूध पीने के बाद आसानी से निकलने लगता है. इसी  गलतफहमी में बहुत से लोग बुखार व खासी में दूध पीना छोड़ देते हैं जब की उस समय दूध की आवश्यकता और अधिक होती है।

बहुत से लोगों को यह भ्रम होता है कि दूध पीने से उनका वजन बढ़ रहा है. वास्तव में दूध में मौजूद चिकनाई व चीनी से वजन बढ़ता है. यदि हम दूध की मलाई निकाल दें या डबल टोंड दूध पिएँ व दूध में चीनी न डालें तो उससे वजन नहीं बढ़ता बल्कि हमें प्रोटीन व कैल्शियम जैसे आवश्यक तत्व मिलते हैं।

 डॉ. शरद अग्रवाल एम डी

cover image:internet 

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