भारत के इतिहास में कुछ महत्वपूर्ण और विशाल वैभवशाली राजवंशों में से एक था गुप्त राजवंश। इतिहासकारों का कहना है की तथ्यों के अनुसार गुप्त राजवंश के राजा ही भारत के पहले राजा थे जिन्होंने सर्व प्रथम सोने के सिक्के जारी किये। इतिहासकारों के अनुसार तीसरी शताब्दी के अंत तक आते आते और चौथी शताब्दी की शुरुआत में भारत में राज करने वाले मुख्य राजवंशों (कुशान, साका) का पतन होना शुरू हो गया था और नई ताकतें अपनी जड़ें जमाना शुरू कर रहीं थीं, जिनमे से एक सबसे शक्तिशाली राजवंश अपना साम्राज्य स्थापित कर रहा था जिसका नाम गुप्त राजवंश था। इस राजवंश के अनेक राजा हुए जिन्होंने भारत पर करीब 200 साल राज किया।
आइये जानते हैं गुप्त राजवंश के राजाओं के बारे में।
गुप्त राजवंश पदानुक्रम : लिस्ट ऑफ़ गुप्ता डायनेस्टी रुलर्स
1) राजा श्रीगुप्त - शासनकाल 3rd सेंचुरी
2) राजा घटोत्कच्छ - राजा श्रीगुप्त के पुत्र, का शासनकाल 3rd सेंचुरी
3) महाराजाधिराज चन्द्रगुप्त I- राजा घटोत्कच्छ के पुत्र, ने 320 AD में सिंघासन संभाला, उनका विवाह एक लिच्छवि राजकुमारी, कुमारदेवी से हुआ और उसके बाद उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और मगध को अपनी राजधानी बनाया। शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसे तथ्य सामने आये हैं जिनसे पता चलता है की यह अपने राजवंश के पहले राजा थे जिन्हे महाराजधिराज की उपाधि मिली और जिन्होंने अपने राज काल में सोने के सिक्के जारी किये।
4) समुद्रगुप्त- चन्द्रगुप्त Iके पुत्र। सिंघासन संभाला 335AD
5) राजा कच्छ - चन्द्रगुप्त I के दुसरे पुत्र
6)राजा रामगुप्त - राजा समुद्रगुप्त के बड़े पुत्र
7)चन्द्रगुप्त II(विक्रमादित्य)- राजा समुद्रगुप्त के पुत्र, इनका राजकाल चौथी शताब्दी के अंत और पांचवी शताब्दी की शुरुआत। प्राचीन कृतियों और मुद्रा संग्रह से यह जानकारी प्राप्त होती है की उन्होंने अपने बड़े भाई की हत्या की और सिंघासन पर बैठे और अपने भाई की विधवा से विवाह किया।
8) राजा कुमारगुप्त I (महेन्द्रादित्य)- चन्द्रगुप्त II के पुत्र
9) राजा स्कन्दगुप्त - राजा कुमारगुप्त के पुत्र। राजा स्कन्दगुप्त के राजकाल के समय तक आते आते गुप्त राजवंश का पतन भी शुरू हो गया था। एक तरह से कहा जा सकता है की वो इस राजवंश के अंतिम महान राजा थे।
10) राजा पुरागुप्त - राजा कुमारगुप्त I के दुसरे पुत्र
11) राजा कुमारगुप्त II (कर्मादित्य )
12) राजा बुद्धगुप्त - राजा पुरागुप्त क पुत्र। बुद्धगुप्त का राजकाल पांचवी शताब्दी के अंत में रहा। इनके राजकाल के अंत के समय में गुप्त राजवंश की प्रतिष्ठा और वैभव का पतन शुरू हो गया था। इतिहासकारों के अनुसार सम्भवता यह गुप्त राजवंश के आखरी राजा थे जिन्होंने सोने और चांदी के सिक्के जारी किये थे।
13) राजा भानुगुप्त - राजा पुरागुप्त के पुत्र
14) राजा नरसिंहगुप्त (बालादित्य ) - राजा पुरागुप्त के पुत्र।
15) राजा कुमारगुप्त ीी - राजा नरसिंहगुप्त के पुत्र
16) राजा विष्णुगुप्त (कन्द्रादित्य)- राजा नरसिंहगुप्त के पुत्र। विष्णुगुप्त का शासनकाल मध्य छति शताब्दी में था। यह इस राजवंश के अंतिम राजा थे .
information and pic credit: Encyclopaedia of Indian Coins By : Prashant Srivastava