जी हाँ दोस्तों मेघालय का एक छोटा सा गांव मावल्यान्नॉंग ने २००३ में पुरे एशिया का सबसे साफ़ गांव होने का ख़िताब जीता था . इसे गोड्स ओन गार्डन भी कहते है . यहाँ प्लास्टिक बैग्स के इस्तेमाल पर बैन है . सड़कों के किनारे जगह जगह आपको बम्बू के बने डस्टबिन मिल जायेंगे जिसे वे खुद बनाते है . यहाँ के लोग खुद सड़कों की साफ़ सफाई रखते है . यहाँ तक की छुटी वाले दिन बच्चे भी . हर घर से एक सदस्य को कम्युनिटी सफाई कार्यक्रम में हिस्सा लेना अनिवार्य है . अपने घरों को साफ़ स्वच्छ रखने के लिए लोगों ने अपने घरों के आगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग , कूड़े को रीसायकल करना , बम्बू के डस्टबिन इस्तेमाल करना जैसे कदम उठायें है .
बाकि गांवों को भी इस तरह के कदम उठाने चाहिए ताकि हम एक बेहतरीन और साफ़ सुथरा समाज अपनी पीढ़ी को दे सकें . एक सुन्दर देश बना सकें . प्रकृति के गोद में बैठी धरती दे सकें
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