अय्यप्पा स्वामी हिन्दू धर्म के देवता हैं। मान्यता के अनुसार अय्यप्पा भगवान शिव और विष्णु अवतार मोहिनी के पुत्र थे। इसलिए इन्हें "हरिहर पुत्र" के नाम से भी जाना जाता हैं। पुराणों के अनुसार अय्यप्पा शास्ता का अवतार हैं।
एक चर्चित कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय जब भगवान विष्णु ने मोहनी का रूप धारण किया, तब भगवान शिव उनके सौंदर्य पर मुग्ध हो गए। इसके फलस्वरूप मोहनी से एक बच्चे का जन्म हुआ। जिसे भगवान शिव और विष्णु जी ने पंपा नदी के तट पर छोड़ दिया।
नदी तट पर छोड़ने के बाद राजा राजशेखरा ने आय्यप्पा का 12 वर्षों तक पालन पोषण किया। एक दिन मां के इलाज के लिए अय्यप्पा शेरनी का दूध लाने घने जंगलों में गए तो वहां उनका सामना राक्षसी महिषी से हुआ जिनका उन्होंने वध कर दिया। कथा के अनुसार राक्षसी महिषी को वरदान था, की उसकी मृत्यु केवल हरिहर के पुत्र के हाथों ही होगी।