करीब 1379 साल पहले 640 AD में पल्लवा डाइनेस्टी के राजा राजसिंम्हा ने ओलकानेश्वरा शिव मंदिर का निर्माण कराया था जिस में से कुछ समय बाद शिवलिंग के चोरी हो जाने के बाद उसकी छत पर आग जला के रौशनी कर पानी के जहाज़ों को रास्ता दिखने का काम होने लगा, और उसके बाद अंग्रेजों ने उसके पास एक और नया लाइटहाउस बनाया। इस तरह मंदिर लाइटहाउस में बदल गया और बन गया भारत का प्राचीनतम लाइटहाउस जिसे देखने देश विदेश से सैलानी आते हैं. ये लाइटहाउस अब भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है.