४०० साल पुरानी जहाज़ी हवेली : दीवान टोडर मल जी. सरहिंद , पंजाब
यह हवेली दीवान टोडरमल जी की है जो की सरहिंद , पंजाब में है . यह हवेली करीब १६६५-६६ ईस्वी की है . दीवान टोडर मल वही महान हस्ती है जिन्होंने सोलवी सदी में वज़ीर खान द्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों छोटे साहिबजादे , साहिबजादा फ़तेह सिंह , साहेबजादा ज़ोरावर सिंह को जिन्दा दिवार में चुनवा दिया था , और उनकी पवित्र देह को जंगल में फेक दिया था . दीवान टोडर मल ने उनके अंतिम संस्कार के लिए , जितनी जमीन में संस्कार करना था उतनी जमीन पर सोने की मोहरें बिछा के , जमीन खरीदी और दोनों साहिबजादे और माता का अंतिम संस्कार किया . उस समय दीवान टोडर मल काफी अमीर हस्ती थे सरहिंद के . और बहुत बड़े व्यापारी हुए करते थे . और गु रु के प्रति उनकी बहुत श्रद्धा थी . लेकिन वज़ीर खान के डर से कोई भी पवित्र देहों का संस्कार करने की हिम्मत नहीं करता था . ये हवेली गर्मियों में ठंडी और सर्दियों में गर्म रहती थी , क्यों की हवेली की खुदाई में वहां हवेली की निचे वाटर चैनल मिले है जिसके कारण ये संभव था . कुछ और पुरानी चीजें में उस ज़माने की मिली है .इस हवेली को पंजाब सरकार एंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के जरिये पहले जैसा रूप देने की कोशिश जारी है .