यह कोठी साहू गोपीनाथ जी के पुत्रों , साहू राम नारायण जी , साहू राम भरोसे लाल जी, और साहू राम स्वरुप जी ने १९२० में बनवायी थी . उस ज़माने में वहां आसपास सिर्फ बियावान और जंगल और सुनसान रास्ता होता था . जिसके कारण लोग इसे बियावानी कोठी कहते थे और फिर इसी नाथ से विख्यात हो गयी . यह एक बेहतरीन कोठी है बिलकुल महल जैसी .इसकी ख़ूबसूरती देखते ही बनती है