हिमाचल प्रदेश के टाबो गाँव की स्पीति घाटी में स्थित एक हजार साल पुरानी मॉनेस्ट्री , जो 996 AD में राजा येशे-ओ के राज काल में बनी थी . भारत की सबसे प्राचीन लगातार कार्यकृत बुद्धिस्ट मॉनेस्ट्री है. टाबो मॉनेस्ट्री को अजंता ऑफ़ हिमालय भी कहते है , क्योकि यहां थान्का पेन्टिंग्ज़ के कुछ बहुत ही प्राचीन और दुर्लभ पेन्टिंग्ज़ को संरक्षित करके रखा गया है. टाबो मोनेस्ट्री मिटटी से बनी है, जिसमे बहुत सी दुर्लभ और पुरानी बौद्ध प्रतिमाएं , तस्वीरें और प्राचीन मैन्युस्क्रिप्टस (पांडुलिपि) को रखा गया है . यहाँ कुछ तस्वीरें 10 वि -11 वि शताब्दी की हैं और कुछ 17 वी शताब्दी की है. यहाँ की पेन्टिंग्ज़ अजंता एल्लोरा गुफाओं की पेन्टिंग्ज़ की जैसे नेचुरल रंगों से बनी हैं , जिन्हें आप देख सकते हैं लेकिन उनकी फोटो नहीं खींच सकते हैं , क्यूंकि फोटो खींचने से इनके नेचुरल रंग खराब हो जाते हैं. टाबो मॉनेस्ट्री तक पहुंचने का रास्ता बहुत कठिन है. ये करीब 10 ,000 ft की ऊंचाई पर स्थित है.