बौद्धनाथ काठमाण्डू के पूर्वी भाग में स्थित प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप तथा तीर्थस्थल है। एसा माना जाता है कि यह विश्व के सबसे बड़े स्तूपों में से एक है। यह विश्व धरोहर में शामिल है।
स्तूप 36 मीटर ऊंचा है और कला का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस स्तूप के बारे में माना जाता है कि जब इसका निर्माण किया जा रहा था, तब क्षेत्र में भयंकर अकाल पड़ा था। इसलिए पानी न मिलने के कारण ओस की बूंदों से इसका निर्माण किया गया।
कहा जाता है की इस स्तूप का निर्माण तब हुआ जब तिब्बत के राजा सोंगसेन गोम्पो ने बौद्ध धर्म को अपना लिया था . किवदंतियों के अनुसार राजा ने अपने पिता की हत्या की थी , जिसके बाद इसका प्रायश्चित करने के लिए उसने बौद्धनाथ स्तूप का निर्माण कराया था .
एक अन्य कहानी के अनुसार स्वर्ग की एक अप्सरा जाजिया ने धरती पर जन्म लिया था , और उसके चार पुत्र हुए , उन्ही चार पुत्रों ने भगवान् बुद्ध के निर्वाण के ठीक बाद इसका निर्माण किया .
इस स्तूप में भगवान् बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति का चित्रण किया गया है .
बौद्धनाथ स्तूप का स्तम्भ पृथ्वी का , कुम्भ जल का , हर्मिका अग्नि का , शिखर वायु का और छत आकाश का प्रतिनिधित्व करते है .
इस प्रकार यह प्राचीन स्तूप पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है