तारागढ किला राजस्थान में अरावली पर्वत पर स्थित है। इस किले को बूंदी का किला भी कहा जाता हैं .यह एक तेज ढलान पर स्थित है जहाँ से शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है ।मेवाड़ सहित चारों ओर से हो रहे आक्रमण से बचने के लिए राव बरसिंह ने 1354 ad में इस क़िले का निर्माण कराया था । इसे बूंदी के कई राजाओं ने पूरा करवाया।इस किले मे अंदर जाने के लिए 3 विशाल द्वार बनाए गए हैं और इन प्रवेश द्वार के नाम लक्ष्मी पोल, फूटा पोल और गागुड़ी का फाटक के नाम से जाने जातें है।
इस किले के अंदर बने महल अपनी शिल्पकला और भित्त चित्रों के लिए मशहूर हैं। यहाँ के प्रमुख महल हैं छत्रमहल , अनिरुद्ध महल, बदल महल,रतन महल और फूल महल।किले के भीम बुर्ज पर रखी "गर्भ गुंजन तोप" पर्यटकों के लिए आकर्षण का विषय है जिसके बारे में कहा जाता है, की जब ये तोप चलती थी तो इसकी गूंज बहुत भयानक होती थी जिस वजह से इस 16 वि शताब्दी की तोप का नाम गर्भ गुंजन रखा गया।इस किले की एक और खासियत है और वो है, यहाँ बने तीन तालाब जो कभी नहीं सूखते जिन का उपयोग सूखे के समय आम निवासियों की पानी आपूर्ति के लिए किया जाता था इन तालाबों को बारिश के पानी से भरा जाता था और इन तालाबों के ना सूखने के पीछे उनका आधार चट्टानी होना है. इस किले में 7 पानी के झालरे भी बने हुई हैं। यह किला अपने गौरवशाली इतिहास के लिए भी मशहूर है.तारे के आकार का होने की वजह से इस किले का नाम तारागढ़ किला है.