आज के पोस्ट में हम आपको ले चलते हैं भारत के खूबसूरत रेल इतिहास सफर पर जहाँ आज हम भारत की राजधानी दिल्ली के रेल म्यूज़ियम की बात करेंगे ।दोस्तों जैसे ही गर्मियों को छुट्टियां शुरू होती है घरों में बच्चे घूमने जाने की ज़िद करते है तो इस बार आप अपनी फ़ैमली को दिल्ली के रेल म्यूजियम ले के जाएँ
क्योंकी हम दावे के साथ कह सकते है की यहाँ आके आपके पूरे परिवार का भरपूर मनोरंजन तो होगा ही साथ ही अपने देश के गौरवशाली रेल इतिहास को करीब से जानने का मौका भी मिलेगा। दिल्ली का रेल म्यूजियम देश में अपनी तरह का पहला, राष्ट्रीय रेल संग्रहालय जो 11एकड़ से अधिक भूमि क्षेत्र में फैला है और यहाँ छः प्रदर्शनी गैलरीज़ हैं
इसके अलावा एक बड़ा खुला प्रदर्शनी क्षेत्र है जहाँ रेलवे यार्ड के वातावरण जैसा एहसास होता है।म्यूज़ियम की शुरुआत 1फरवरी 1977 को हुई थी। संग्रहालय के संग्रह में रेलवे के वास्तविक आकार और छोटे आकार की प्रदर्शनी वस्तुएं मौजूद हैं। । संग्रहालय में भारतीय उपमहाद्दीप के लोकोमोटिव और रजवाड़ों के कोच हैं।
यहाँ देश भर से एकत्रित लोहे व इस्पात से बनें भाप के इंजन और लकड़ी से बनें रेल डिब्बे भी हैं संग्रहालय में रेल सिम्यूलेटर की संख्या शायद दुनिया में सबसे अधिक है। यहाँ गैलरीज़ में डिजिटल और मोबाइल तकनीकों का उपयोग यहाँ की यात्रा को इंट्रेक्टिव, शैक्षिक और आकर्षक बनाती है। यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं :-पटियाला राज्य मोनो रेल ट्राम,फेयरी क्वीन इंजन जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में जगह मिली है
ये सबसे पुराना भाप चालित इंजन है ,मोरिस फायर इंजन, 100 वर्ष से अधिक पुरानी और ठोस रबड़ टॉयर पर चलने वाली “जॉन मॉरिश दमकल इंजन” दुनिया में अपनी तरह की नायाब प्रदर्शित वस्तु है। , सलून ऑफ़ द प्रिंस ऑफ़ वेल्स और कई और इंजिन्स और कोचेस। संग्रहालय को अपनी इस संपत्ति व चालू हालत में रखे अन्य कोचों पर गर्व है। म्यूजियम में मौजूद है भारत का विशालतम रेल गार्डेन।
रेल गार्डेन सभी उम्र के लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है जिसमें आपका जाना यादगार होगा और आपको पुराने दिनों की याद दिलाएगा, साथ ही साथ आपको भविष्य के दर्शन करवाएगा। रेल गार्डेन में चलने वाली यात्रीगाड़ी, मालगाड़ी, झरने, केबल कार, और पहाड़ी इलाकों में चलने वाला भाप इंजन आपको मंत्र-मुग्ध कर देंगे ।
राष्ट्रीय रेल संग्रहालय की अलग अलग गैलरियां आपको भारतीय रेल की कहानियों से पुरानी यादों की तरफ ले जाएंगी जहाँ आप भारत के शुरुआती दिनों के यातायात के साधनों से रुबरु होंगे तथा भविष्य के दर्शन करेंगे। यहाँ आके आपको पता चलेगा की भारतीय रेल इतिहास 160 वर्ष से अधिक पुराना है।
म्यूजियम की गैलरीज़ को अनेक प्रकार के ट्रेन मॉडल, ऐतिहासिक संग्रह, इंट्रेक्टिव गेम, आधुनिक सिम्यूलेटर और भारतीय रेलवे के सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को दर्शाने के लिए छः हिस्सों में बाँटा गया है। रेल म्यूजियम में टॉय ट्रेंस भी चलतीं हैं जिन में सभी बच्चे हो या बड़े बैठ कर राइड का मज़ा ले सकते हैं । (pic credit: nrmindia.com)