दोस्तों छुट्टियों का टाइम है और लोगों का दादी, नानी के घर जाने का सिलसिला शुरू हो गया है, जिसका मतलब है फरमाइशों का दौर शुरू हो जायेगा , और दोस्तों जब बात संभल जिले के "चंदौसी' की हो तो यहाँ के लोगों का अपना एक अलग ही अंदाज़ है । जहाँ और शहरों में अमुमन खाने पीने की दुकाने सुबह 10 बजे के आस पास शुरू होती है वहीं चंदौसी में सुबह 7 ,8 बजे से ही गली गली मे गरम नाश्ते की दुकाने ,ठेले जिनमे गरमा गरम समोसे , खस्ता कचौड़ी के साथ साथ आलू की तीखी सब्जी, जलेबी, इमरती , छोले भठूरे ,मूंग दाल , चटपटे चने आदि लगने शुरू हो जाते हैं जिसमे लोग भीड़ लगा कर घंटों तक अपनी बारी आने का इंतज़ार करते हैं । चंदौसी में सुबह सुबह चटकदार नाश्ते का चलन बहुत पुराना है। वैसे तो यहाँ गली गली मे गरम नाश्ते के ठेले लगते हैं लेकिन कुछ मशहूर दुकाने जिनके स्वाद के लोग यहाँ दीवाने हैं, वह है ब्रह्म बाजार की मशहूर कल्लू हलवाई की दुकान की मालपूये , बिसौली गेट के मशहूर खस्ता , समोसे और सेमे , फब्बारे चौक के गोलगप्पे, मुनसिफ रोड की ज्योति स्वीट्स की लस्सी,जे पी स्वीट्स , सेठ हलवाई की जलेबी ,पंडित जी के चने,दादा की दुकान, और उसके पास ही एक पिज़्ज़ा शॉप भी है"लज़ीज़ पिज़्ज़ा " जिसके तरह तरह के पिज़्ज़ा पुरे चंदौसी में बहुत ही फेमस हैं । तो अगर आप चंदोसी जा रहे हैं ,या चंदौसी से गुजर रहे हैं या चंदौसी में हैं तो यहाँ का स्वाद एक बार जरूर लें।