पंचमढ़ी के सतपुड़ा रेंज मे है भगवान शिव का दूसरा घर। इसे शिव जी का दूसरा घर क्यों कहा जाता है इसके पीछे भी एक कहानी है.......लोक कथाओं की माने तो भस्मासुर नाम का एक असुर था जिसने भगवान शिव की घोर तपस्या करके उनसे वरदान प्राप्त किया की वो जिसके भी सर पर हाथ रखेगा वो भस्म हो जायेगा। इसके बाद भस्मासुर ने अपने वरदान को आज़माने के लिए भगवान शिव पर ही आक्रमण कर दिया, और भस्मासुर को आते देख भगवान शिव ने पचमढ़ी की गुफा में शरण ली। पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है की भगवान शिव ने अपनी विशालकाय जटायें यहाँ फैला रखी हो जिससे गुफा के अंदर जटाओं जैसी आकृतियां बन गयी हैं। इसी वजह से इस जगह का नाम जटाशंकर पड़ गया। गुफा के अंदर एक बड़ा शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बना हुआ है। इसके अलावा यहाँ पर एक पवित्र स्नान कुंड है जिसमे शिवरात्रि वाले दिन सभी भक्त जन आ कर स्नान करते है और फिर उस मंदिर की पूजा करते हैं ।