चौथी शताब्दी का शिलालेख जो है प्राचीन काल के समृद्ध भारत का सबूत :kaalsi samraat अशोका rock edict (सम्राट अशोका का शिलालेख)
भारत प्राचीन समय में कई समृद्ध और विकसित सभ्यताओं और राजाओं का स्थान रहा है इस बात का पता हमें समय समय पर मिलते रहे प्राचीन अवशेषों से चलता रहा है।
फिर चाहे वो हड़प्पा सभ्यता के अवशेष हों या राम नाम के पानी पर तैरते पत्थर या सम्राट अशोक के समय के शिलालेख हों।।।।।
इस बात के पुष्टि ऐसे ही एक सम्राट अशोका के शिलालेख से होती है जो 450 bc के समय का है जिस पर ब्रह्ममी लिपि में सम्राट अशोक के शाशन प्रबंध कि ओर उनके नज़रिये और उनके जीवन के बारे में बताता है जब उन्होंने आध्यात्मिकता का मार्ग अपनाया था।
इसके आलावा इस पत्थर की एक तरफ एक राजसीय हाथी कि तस्वीर गुदी हुई है जो उस समय कि समृद्धि और संपन्नता को दर्शाता है।
इसी के साथ इस शिलालेख पर उस समय के ग्रीक राजाओं के नामों और उनके राज्यों कि सटीक भौगोलिक स्थिति का भी उल्लेख मिलता है जो इस ओर इशारा करता है कि भारत के सम्राट अशोक को ग्रीस कि कितनी अच्छी जानकारी थी और हमारे देश के प्राचीन काल में भी अन्य देशों से सम्बन्ध थे।
कालसी पूरे हिमालयन रेंज में एक मात्र ऐसी जगह है जहाँ सम्राट अशोक ने 14 शिलालेख लिखवाए ।
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