मध्य प्रदेश के उत्तर पश्चिम दिशा में बसा है एक शहर "रीवा"। यह एक बड़ा शहर
है जो कि किसी समय मे एक रियासत थी। रीवा की स्थापना बघेल राजपूतों ने
की थी और मुग़ल सम्राट अकबर के समय में ये एक महत्वपूर्ण जगह के रूप में
उभरा ।ब्रिटिश काल मे रीवा पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। रीवा जिले का
नाम रीवा शहर से है, जो कि जिला मुख्यालय है, इस जगह को अपना नाम
यहाँ की पूजनीय नदी नर्मदा से मिला जिसका दूसरा नाम "रेवा" है। यह
जगह 9 वीं से 12 वीं शताब्दी के अंत तक कलचुरि साम्राज्य के अंतर्गत आता था ।
आज का रीवा जिला 1950 मे जिला बना जब प्रांतों और राज्यों की स्थापना का
क़ानून बना। रीवा अपने वाइट टाइगर के लिए पूरी दुनिया मे मशहूर है, यहाँ
आप वाइट टाइगर सेंचुरी मे वाइट टाइगर देख सकते है जो कि रीवा शहर
से 20 km दूर एक छोटे से गाँव मुकुंदपुर मे है । यहाँ के प्रमुख पर्यटक स्थल
हैं पूर्वा फाल्स ,रीवा फोर्ट,रानी तालाब, गोविंदगढ़ किला। शहर से करीब 12 -15
किलोमीटर दूर रीवा के राजा का एक और महल गोविंदगढ़ है जिसके बारे में कहा
जाता है कि वह गर्मियों की राजधानी हुआ करती थी जो की घने पेड़ों से घिरा है
और उसे मिनी वृन्दावन भी कहते हैं । और अगर आप इतिहास में दिलचस्बी
रखते हैं तो बघेल साम्राज्य से जुड़े आर्टिफैक्ट्स बघेल म्यूजियम में देख सकते हैं।
यहाँ का मुख्य मार्केट है शिप्ली प्लाजा और उसके आसपास का बाजार जहाँ सारे बड़े
बड़े शोरूम्स से लेकर हर चीज़ की दुकाने हैं सैर सपाटे के आलावा अगर हम बात करें
खाने पीने की तो यहाँ कई अच्छे रेस्टोरेंट्स और ईटिंग जॉइंट्स हैं जहाँ आप हर तरह
के पकवानों का मज़ा ले सकते है या होम डिलेवरी करा सकते हैं जैसे होटल राजविलास
(इनकी साउथ इंडियन डिशेस बेहतरीन होती हैं) दावत रेस्टुरेंट(यहाँ के मेन्यू में हर
रोज कुछ नया होता है) फन फ़ूड विला रेस्टुरेंट(कारपोरेशन बैंक के पास यूनिवर्सिटी
रोड) स्ट्रीट किचन(ताला रोड पर) छप्पनभोग रेस्टुरेंट (शिल्पी प्लाजा रोड) द स्ट्रीट
फ़ूड( शिवानी बद्रिका काम्प्लेक्स मे है ये फ़ास्ट फ़ूड कुइज़ीन रेस्टुरेंट है)
इसके अलावा यहाँ एक एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी भी है ।
रीवा रेल मार्ग और सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है । यहाँ लखनऊ ,
अलाहाबाद और दिल्ली होते हुए आसानी से पंहुचा जा सकता है ।