अपने चारों कोनों पर भोलेनाथ के मंदिरों से सुसज्जित यह शहर नाथ नगरी,झुमका सिटी और बांस बरेली के नाम से मशहूर है। यहाँ भोलेनाथ के तो कई मंदिर हैं ही उनके साथ साथ माता रानी के भी कुछ सिद्ध प्रसिद्ध मंदिर स्थापित हैं जिन में से एक है बरेली के सुभाष नगर, बदायुं रोड पर 84 घंटा मंदिर के नाम से माँ दुर्गा का सिद्ध मंदिर, जहाँ माता की शक्ति के स्रोत के रूप मे अखंड ज्योति निरंतर पिछले 51 सालों से जलती आ रही है।
इस मंदिर का निर्माण 1969 मे हुआ था जब स्वर्गीय उमा शंकरजी ने घर बनाने के लिए अपने प्लाट पर खुदाई करवाई तब उसी रात उनकी पत्नी के सपने मे मातारानी ने दर्शन दिए और उस प्लाट पर घर बनाने से पहले माता का मंदिर बनवाने का आदेश दिया। जिसके बाद उमा शंकर जी ने यहाँ मंदिर बनवाया और कहा की दोपहर तक इस मंदिर मे जितने घंटे चढ़ेंगे इस मंदिर का नाम भी उन्ही पर रखा जाएगा। दोपहर तक 84 घंटे चढ़ाए गए थे जिस वजह से इस मंदिर का नाम "84 घंटा" मंदिर पड़ा।
महा शक्ति,जगत जननी मातारानी के इस मंदिर मे नवरात्रों मे पूजा अर्चना और दर्शन के लिए भरी संख्या मे भक्तों का आना जाना होता है और कहा जाता है की जब किसी भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है तो वह यहाँ घंटा चढ़ाते हैं और इस वजह से मंदिर के निर्माण से लेकर अबतक करीब 1 लाख 18 हजार से ज्यादा घंटे चढ़ाए जा चुके हैं। जो कहीं ना कहीं हमारी मातारानी मे आस्था और भक्ति को और अटल बनाता है।