महाराष्ट्र के लोनावला के पास का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल (picnic spot) है, 2000 साल पुरानी "कार्ला केवज़"(karla caves) जिनका प्राचीन नाम वलुक्रा था, जिसका उल्लेख यहाँ दीवारों और खम्बों पर उस समय की भाषा मे मिलता है। यह प्राचीन बौद्ध गुफाएं हैं जो कि कभी बौद्ध धर्म के व्यापारियों के रुकने के काम आती थीं। इन गुफाओं का उपयोग बौद्ध अनुयायिओं के पूजा और ध्यान के लिए भी किया जाता था। बताया जाता है कि ये गुफाएं आज के समय के जिस हाईवे के पास हैं, वह रास्ता पहली से लेकर करीब 10 वीं शताब्दी के दौरान भी व्यापार के लिए एक मुख्य रास्ते के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। इन गुफाओं का निर्माण पहली से लेकर 5 वीं शताब्दी के दौरान बौद्ध व्यापारियों और अन्य लोगों ने मिलकर करवाया था, जिसका प्रमाण यहाँ कि दीवारों और खम्बों पर गुदे हुए लेखों से मिलता है जिसमे उस समय के राजाओं का उल्लेख भी है। यहाँ इन गुफाओं से जुड़ी जानकारी के करीब 30 से 34 लेख हैं। यहाँ तक कि उस काल मे भी भारत के अन्य देशों से व्यापर सम्बन्ध थे इस बात का भी प्रमाण हैं यहाँ के लेख जिनमे ऐसा लिखा है कि यमन के लोगों द्वारा गुफाओं के निर्माण के लिए दान दिया गया था।