दाल बाटी राजस्थान का भोजन है, जो कि एक शाकाहारी व्यंजन है। यह डिश मुख्यता राजस्थान मे खाई जाती है लेकिन इसके स्वाद को अब अन्य जगहों पर भी पसंद किया जा रहा है और कई रेस्ट्रॉं के मेनू मे भी इसे शामिल किया गया है। इस डिश को मेन कोर्स मील की तरह और शाम की चाय के स्नैक्स की तरह चटनी, सॉस या सोंठ के साथ भी कई लोग खाना पसंद करते हैं। दाल बाटी मे इस्तमाल होने वाली दाल असल मे पाँच दालों का मिश्रण है जिसमे चने,मूंग, मसूर,अरहर और उरद की दालों को एक साथ मिलाकर खूब सारे मसलों के साथ तीखा और चटपटा बनाया जाता है। और बाटी बनाने के लिए आटे को दूध और मलाई के साथ थोड़ा कड़ा मला जाता है और फिर लोई बनाके आग मे सेका जाता है अच्छे से भूरे सुनहरे रंग के हो जाने के बाद बाटियों को घी मे डुबोया जाता है और फिर गरम गरम परोसा जाता है दाल और चटनी के साथ।
अगर बात करें इसकी उत्पत्ति की तो कहा जाता है की इसकी शुरुआत तब हुई जब राजपूत अपने राज्यों का विस्तार कर रहे थे और बड़ी बड़ी सेना को लेकर युद्ध भूमि मे रहा करते थे जहाँ एक बार रोटी के लिए गूंथे गए आटे की लोई को छोड़ कर सैनिक युद्ध के लिए चले गए और जब लौट कर आये तो देखा की आटे की लोई धुप की गर्मी और गरम रेत से बढ़िया सिक चुकी थीं। जब खा के देखा वह अति स्वादिष्ट थीं और इस तरह उसके बाद यह व्यंजन युद्ध मे सैनिकों के लिए बनने वाला आसान और पेट भरने वाला भोजन बन गया जिसे वह चटनी आचार या उस समय उपलब्ध चीज़ों के साथ खाते थे। सन्दर्भ:hi.quora.com