खुदागंज भारत में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले का एक छोटा सा क़स्बा है। यहाँ पर्यटन के लिए कुछ ज़्यादा तो नहीं है पर कुछ जगह हैं जहाँ पर यहाँ आने वाले लोग और यहाँ के स्थानीय लोग आना पसंद करते हैं। खुदागंज का पक्का तालाब यहाँ के और आसपास के लोगों में काफी लोकप्रिय है। इस जगह के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है की 150 साल पहले यहाँ एक जमींदार हुआ करते थे जिनका नाम राजेश्वर शरण अग्रवाल था उन्हें सब लोग साहू साहब कह कर पुकारते थे। जिस जगह आज पक्का तालाब है उस जगह पहले नहर थी जिसका पानी पास की एक गुफा में आता था। साहू साहब ने उस गुफा के मुहाने पर नहर के पानी को इकट्ठा करने के लिए पक्का तालाब बनवा दिया। कहा जाता है की अब वह गुफा धीरे धीरे लुप्त हो रही है। तालाब के बीचो बीच एक कुआँ भी है। ऐसा कहा जाता है की पहले गुफा का रास्ता खुला था और कई लोग उसमे अंदर गए भी लेकिन कोइ वापिस नहीं आया। कई लोगों ने इस गुफा का छोर ढूंढ़ने की कोशिश भी की लेकिन आज तक यह पता नहीं चला है की इस गुफा का अंत कहाँ है और अब इसका मुहाना एक दीवार से बस थोड़ा हिस्सा छोड़ कर बंद कर दिया है।
यहाँ पर दो मंदिर भी हैं एक दुर्गा माँ का मंदिर और दूसरा भगवान शिव का मंदिर। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की ये मंदिर करीब 200 से 250 साल पुराना है जिसमे से यहाँ दुर्गा माँ का मंदिर पहले से था और भगवान् शिव का मंदिर बाद में बना। ये पर्यटक स्थल अभी दुनिया से छुपा हुआ है और गुफा का रहस्य अभी तक खुला नहीं है
information credit :locals of khudaganj Neeraj Kumar Jain
Sadhna Jain
Pic credit :Saransh Agrawal