आज के सेल्फी युग में भारत के महान कवि,उपन्यासकार और लेखक के रूप में जाने जाने वाले "मुंशी प्रेमचंद" का उनकी पत्नी के साथ ये चित्र ऐसा प्रतीत होता है जैसे वो कहना चाहते हों की -यह ज़रूरी नहीं की हर फोटो जो क्लीक हो वो सुंदरता की मूरत हो। जो सच है वो सच है। अंग्रेज़ी में कहें तो "every picture does'nt need to be a picture perfect "। उनके बारे में बताया जाता है की ये उनका असली नाम नहीं था। इस महान उपन्यासकार का जन्म बनारस के पास के के छोटे से गाँव में हुआ था उनके माता पिता का नाम श्रीमती आनंदी देवी और श्री मुंशी आजायबराय था जिन्होंने अपने बेटे का नाम धनपतराय रखा था और बाद में बड़े होने पर जब उन्होंने लेखन शुरू किया जिसके कुछ समय बाद अंग्रेज़ी हुकूमत के दर से उन्होंने नाम बदल कर मुंशी प्रेमचंद के नाम से उपन्यास और अन्य लेख लिखे और आगे चल कर मुंशी प्रेमचंद ही उनकी पहचान बन गयी।
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