भगवान शिव के सात रूपों के दर्शन वाली सप्तमूर्ति,आर्केओलॉजिस्ट्स के अनुसार यह 5 वीं - 6 वीं शताब्दी की है।
ये भगवान शिव के सात रूपों वाली गुप्तकालीन "सप्तमूर्ति" है जिसमे एक शिव मूर्ती को शिव के छे रूपों से घिरा दर्शाया है। इसमें सभी रूपों में भगवन शिव के दो हाथ बने हैं लेकिन सबसे ऊपर वाली में उनके दस हाथ हैं और सभी में कुछ न कुछ पकड़ रखा है और भगवान के चरणों की ओर पांच सेवक भी दर्शाये गए हैं। इसकी शिल्पकारी सफ़ेद ग्रेनाइट के पत्थर पर की गयी है। इस मूर्ती को "परेल रिलीफ" भी कहते हैं क्योंकि ये मुंबई के परेल इलाके में सड़क निर्माण के दौरान खुदाई में मिली थी और उसके बाद आर्केओलॉजिकल डिपार्टमेंट को सौप दी गयी और अब यह मूर्ती मुंबई के छत्रपति शिवाजीमहाराज म्यूजियम में प्रदर्शित है।
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