गुप्ता राजवंश का शासन उत्तरी और मध्य भारत में चौथी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी के आस पास तक रहा जिस दौरान उन्होंने कई मंदिर बनवाए, उस समय के भिक्षुओं के लिए शर्णार्थ स्थल बनवाए। इस राजवंश के राजाओं को कला और निर्माण से अधिक लगाव था जो उस समय की अवशेषों से पता चलता है। गुप्त काल को भारत का स्वर्ण काल भी कहा जाता है। इस राजवंश की शुरुआत राजा श्री गुप्ता ने की थीऔर इस राजवंश के प्रमुख राजा थे चन्द्रगुप्त- १,समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त -२, कुमारगुप्त और विक्रमादित्य। इस राजवंश से पहले भारत के इन क्षेत्रों में कुषाण राजवंश का शासन था