एक करोड़ साल पुराना जीवाश्म .
पांचाल म्यूजियम , रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी , बरेली
एक करोड़ साल पहले कोई पेड़ चट्टान पर गिरा , और उस चट्टान में समां गया और लकड़ी पत्थर बन गयी .
इस टुकड़े का वजन हे 35( पैतीस) किलो है . साथ ही समुद्र के लहरों के निशान भी इसमें बन गए है. इसी के साथ आप देख सकते हैं तीन और पत्थर समुद्री जीव जिसे सी अर्चिन कहते है उसके जीवाश्म पत्थर हैं जिन पर उसके आकर के छाप साफ़ देखे जा सकते है। साथ हे एक बड़ा पत्थर भी है जिस पर समय के साथ कई सीपियों के छाप भी अंकित हो गए।
जिस का मतलब शंख और सीपियाँ इस पर चिपकी होंगी और इसी में धंस गयी और उनके छाप इस पत्थर पर आ गए .शंखों और सीपियों के निशान इस जीवाश्म पर आ गए.समय के ससथ शंख और सीपियाँ तो घुल गए पर पत्थर पर करोड़ों साल के लिए अपने निशान छोड़ गए.
Mudita Agrawal
बरेली हेरिटेज