माता रानी का छठा रूप है कात्यायनी रूप क्योंकि इन्होंने कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री रूप में जन्म लिया। माता के इस रूप में
इनकी चार भुजाएं हैं। दाईं ओर के ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में खड्ग है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है। माता के इस रूप में भी उनका वाहन शेर है।