भारत का बंगाल राज्य एक ऐसा राज्य है जहाँ की दुर्गा पूजा बहुत भव्य और ख़ास होती है। यहाँ हर साल नवरात्रों में दुर्गा पूजा बहुत बड़े स्तर पर बड़े धूम धाम से की जाती है। बंगाल की दुर्गा पूजा की खास बात ये है की वह नवरात्रों में जगह जगह छोटे बड़े पंडाल बनाये जाते है जिन्हे अलग अलग वस्तुओं से बना कर तयार किया जाता है और इन पंडालों को सजाने, बनाने में लाखों रुपय खर्च होते हैं और पंडाल सजने क बाद उनमे माता रानी को स्थापित किया जाता है तरह तरह की दुर्गा माँ की प्रितमाएं बनायी जाती हैं। इन पंडालों के बाहर मेले लगते हैं, सुबह से ही लोग परिवार और दोस्तों के साथ जगह जगह के पंडाल घुमते और मेलों का आनंद लेते हैं, बंगाल की दुर्गा पूजा की तैयारियां भी 2 से 3 महीने पहले से शुरू हो जाती हैं। दुर्गा पूजा में सजने वाले पंडालों में प्रतियोगिताएं भी आजोजित होती हैं की कौन सा पंडाल कितना सुंदर,अलग, रचनात्मक और भव्य दिखता है। पंडाल बनाने वाले अपनी रचनात्मकता से कभी अनेकों मटकों से, घास से, चूड़ियों से, छोटे बड़े शंखों से और भी कई तरह की चीज़ों से अपने अपने पंडाल बनाते हैं और उनमे अंदर बहार सजावट और रौशनी करते हैं, जगह जगह दुर्गा पूजन के दौरान बंगाल का पारम्परिक धुनुची नाच किया जाता है माता रानी की रथ यात्रा निकलती है। इस समय कहते हैं माता रानी स्वयं बंगाल में वास करती हैं। हर तरफ शांति और ख़ुशी से भरा उत्साह का माहौल होता है।