सम्राट कुमारगुप्त, गुप्ता राजवंश के राजा चन्द्रगुप्त-ll के पुत्र थे जिनका राजकाल (415 - 455 ) तक रहा । उन्होंने अपने राज काल में कई प्रकार के सिक्के शुरू किये जिनमे से एक थे -Elephant-rider-lion-slayer type gold coins (हाथी सवार शेर कातिल प्रकार सोने के सिक्के) -जो की हाथी सवारऔर शेर के कातिल प्रकार वाले सिक्कों का मेल थे। इन सिक्कों पर राजा क्षत-विक्षत हाथी पर विराजमान दिखाई देते हैं और आक्रमण की मुद्रा में अपने दाहिने हाथ में खंजर लिए हैं, और उनके पीछे एक बौना छत्र वाहक है। सिक्कों पर देखा जा सकता है की शेर हाथी के पैर को काटने की कोशिश कर रहा है और हाथी उसे रौंदने की कोशिश कर रहा है। चित्र की बाहरी हिस्से पर गोलाई में लिखा है -" क्षतारिपु कुमारगुप्तोः था राजत्रता जयति रिपुनाः"। सिक्कों के विपरीत भाग में प्रभावशाली मुद्रा में लक्ष्मी जी खड़ी हैं,जिनके पास एक मोर है जैसे वो मोर को कुछ खिला रही हों ,और उनके दुसरे हाथ में एक डंठल वाला कमल है। सिक्कों की इस तरफ लिखा है- "सिंहनिहंतः महेंद्रगजः".यह बहुत दुर्लभ प्रकार के गुप्त कालीन शाही टकसाल में बने ठोस सोने के सिक्के हैं।
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