कुषाण कालीन मथुरा रेलिंग्स ऐंड पिल्लर्स
मथुरा रेलिंग कुषाण भारत की मिश्रित संस्कृति के सौंदर्यशास्त्र और लोकप्रिय मान्यताओं की गवाही देती हैं । इन प्राचीन खम्बों में से एक महत्वपूर्ण रेलिंग है जिस पर बहुत सुन्दर आकृति तराशी हुई है जिसमे एक राजसी महिला दाहिने हाथ में अंगूर का एक गुच्छा लेकर खड़ी है और उसके बाएं हाथ में मदिरा का घड़ा है। और उसके ऊपर एक जोड़े को मदिरा के नशे में रेलिंग के ऊपर से शराब के मटके तक पहुँचने की कोशिश में दर्शाया गया है। परोक्ष रूप से यह छवि अंगूर और मदिरा की जानकारी देती है, जो शायद अंगूर से बनी होगी, और उस काल की बागवानी प्रथाओं में अंगूर की मदिरा और अन्य पेय बनाने के तरीकों के सम्मलित होने की ओर इशारा करते हैं। इस मूर्ती के हाथ में दिख रहे दो तरफ़ा कटोरे से पता चलता है कि सुराही के आकर वाले बर्तन से मदिरा परोसी जा रही है, विशेष रूप से अंगूरों से बनी मदिरा, जिसने प्राचीन ग्रीक सभ्यता वाले वस्त्रों को धारण किया हुआ है। इस के अलावा प्राचीन काल में भारत के ग्रीक जैसे यूरोपियन देशों से आयात निर्यात के सम्बन्ध थे इस का पता भी चलता है जिन में ग्रीक मदिरा और ग्रीक स्त्रियों का निर्यात
शामिल था। इन निर्यातों का उल्लेख कई पुराने ऐतिहासिक शास्त्रीय और भारतीय लेखों में भी मिलता है।
info creit :history of agriculture in India
pic credit:history of agriculture in india