चंदौली उत्तर प्रदेश का सबसे दक्षिणी जिला और एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। यह पूरा जिला प्राचीन काशी राज्य के अधिकार में था। इस जिले निर्माण सन 1997 में हुआ। यह जगह अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण
जाना जाता है। इस जिले का मुख्य आधार कृषि है।
यहाँ के नौगढ़ के जंगल, खूबसूरत बांध और झरने प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इस जगह को 'धन का कटोरा' भी कहा जाता है।
चंदौली जिला स्वतंत्रता के लिए भी भारत की लड़ाई में सक्रिय रूप से शामिल था। चंदौली शहर जिला मुख्यालय है।
पर्यटक स्थल :-
चकिया: रामनगर के राजा द्वारा बनवाया गया किला है। किले के पश्चिम में देवी काली का एक अति प्राचीन मंदिर है।
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चंद्रप्रभा वन्यजीव :- चंद्रप्रभा वन्यजीव 1957 में स्थापित हुई थी,जो की 78 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है चंद्रप्रभा आरक्षित वन क्षेत्र और आंशिक रूप से जयमोहिनी रेंज मै आता है। यहाँ पैंथर, चिंकारा, सांभर, चीतल, और मोर जैसे वन्यजीव पाए जाते हैं।
चंद्रप्रभा बांध: चंद्रप्रभा बांध,चंद्रप्रभा नदी पर निर्मित है,और इस के आसपास के जंगल प्राकृतिक सुंदरता से भरे हुए हैं
झरने: यहाँ पर राजदारी, देवदारी नाम के झरने पर्यटकों मैं काफी लोकप्रिय हैं।
इस के अलाबा चंदौली में चकिया काली मंदिर सहित कई पर्यटन स्थल हैं। चंदौली से चकिया लगभग 29 किलोमीटर तथा वाराणसी से लगभग 55 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
काली माता का मंदिर चंदौली मझवार स्टेशन के पास स्थित है। स्थानीय ही नहीं यहां दूसरे प्रदेश जैसे बिहार, बंगाल के लोग भी दर्शन-पूजन करने आते हैं। माँ काली के दर्शन के साथ नवदुर्गा सहित कई देवी देवताओं के दर्शन भी करने आते हैं। यहाँ नवरात्र में भक्तों की भीड़ लग जाती हैं।
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