सातताल के पास है ये सुन्दर झील जिसे हमने ऐसे ही सातताल का रास्ता ढूँढ़ते ढूँढ़ते देखा। दूर से पहाड़ की सड़क से नीचे जब नज़र जाती है तो एक बेहद हे सुन्दर सी हरे रंग की साफ़ पानी की प्यारी से झील पहाड़ों से घिरी नीचे की ओर नज़र आती है जिसका रास्ता घने जंगल के बीच से होता हुआ गुज़रता है जहाँ बाइक या अन्य दो पहिया वाहन से जाया जा सकता है। यहाँ तक तो सब ठीक है। इस झील के आस पास के दायरे में आते ही आपको कुछ कुछ दूरी पर बोर्ड लगे दिखेंगे जिन पर नलदमयंती झील पास है, नलदमयंती झील आगे है, झील गहरी और खतरनाक है पास जाना मन है जैसे चेतावनी बोर्ड लगे दिखाई देते हैं। स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला की इस झील को वहाँ क लोग भूतिया झील के नाम से पुकारते हैं और उसके पास जाना या ज़्यादा देर ठहरना पसंद नहीं करते, लोगों का ये भी कहना है की ये झील अन्य झीलों की तुलना में ज़्यादा गहरी है और इस झील बहुत लोग डूब कर मर चुके हैं। ये झील धीरे धीरे गहरी न होकर एकदम से गहरी है
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झील के सब तरफ घना जंगल है बस इसके एक ही तरफ जहाँ से झील तक पहुंचते हैं वहाँ एक छोटी सी जगह है जहाँ आप कुछ देर चाहें तो बैठ सकते हैं , झील के पास पहुँचने पर आपको सामने की तरफ झील के पार एक बहुत बड़ा सा चर्च का क्रॉस भी दिखाई देता है जो इस जगह को और रहस्य्मयी बना देता है की क्यों इस झील की पास इतना बड़ा क्रॉस लगाया गया है। क्या यहाँ किसी तरह की कोई बुरी शक्तियों का वास है ? ये सवाल और गहरा तब हो जाता है जब झील के पास पहुँचने के रास्ते में आस-पास के पेड़ों और जंगल से अजीब से कीड़ों की बड़ी ताज लगातार वाली आवाज़ें आती हैं पहले तो ये आवाज़ें हलकी हलकी थीं जिनमे जंगल के झींगुरों की आवाज़े मिली हुई थीं लेकिन जैसे जैसे हम झील के पास बढ़ते गए आवाज़ें और प्रबल होती गयीं पहले तो लगा की जैसे पास की किसी जगह साइरन जैसा बज रहा हो पर कुछ क्षण बाद समझ आया की ये साइरन नहीं बल्कि वन्यजीवों की सामूहिक ध्वनि है जो उस वीराने को और भूतिया माहौल दे रही थी। वैसे अगर देखा जाए तो ये पहाड़ी झील बेहद सुन्दर है और ज़्यादा टूरिस्ट ना होने के कारण पानी भी साफ़ है लेकिन पता नहीं क्यों उसके आस पास एक अजीब सा दहशत का माहौल है हवा में। जैसे कोई कह रहा हो हमें अकेला छोड़ दो !
नहीं तो आप खुद सोचिये पहाड़ के बीच एक सुन्दर झील मन को शांति और सुकून देती है पर यहाँ आकर डर और बेचैनी होती है और इसी वजह से हमने इस जगह से जल्दी वापस लौटना ही उचित समझा और उस झील को प्रकृति की गोद में अकेला छोड़ हम आगे सातताल की ओर बढ़ गए।
इस लेख में दी गयी जान करि केवल सामान्य सूचना के लिए है। इस लेख में जानकारी विभिन्न माध्यमों से संगृहीत की गयी है इसलिए इन्हें अंतिम सत्य अथवा दवा न मानें और अपने विवेक का प्रयोग करें।