कई हज़ार साल पहले साका या शाक वंश एक बंजारों का समूह था जिनमे से कुछ दरंगिआना या सकसताना क्षेत्र के इलाके में आकर बस गए और उस समय भारत में पल्लव या अंग्रेजी में पार्थियंस राजवंश का शासन था। कुछ समय बाद साका(शाक) और पल्लव राजवंश में मेलमिलाप बढ़ा और इस तरह इस मेलमिलाप से जो नया संगम तैयार हुआ उसे साका-पल्लव राजवंश कहा जाता है।
इतिहासकारों के अनुसार साका सम्वत की शुरुआत 78 AD में कुषाण राजा -कनिष्क प्रथम ने अपने राजपाठ सम्हालने के साथ की जब वह अपने साम्राज्य का विस्तारीकरण कर रहे थे और अपने साम्राज्य के विस्तार में शाक साम्राज्य को अपने में मिला लिया।
saka-pahlava dynasty king coims
info credit:Encyclopaedia of Indian coins