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hindi kavita on maa माँ पर भाव भरी कविता ,poem on maa in hindi
Wednesday, 31 May 2023 05:58 am
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माँ  कहाँ गयी तुम ! यह दुनिया अजनबी हो गयी ,
तो क्या हुआ जो नहीं है मुझे दुनियादारी की समझ, 
नहीं है अच्छे बुरे की परख 
दुनियादारी की समझ तुम मुझे समझाती
माँ तुम मुझे बहुत याद आती 

जब थीं तुम पास था यह अहसास,
जब आएगी कोई मुश्किल परिस्थिति,
तुम ढाल बन खड़ी हो जाओगी
हर आने वाली आंधी से तुम मुझे बचाओगी। 
कोई समझे य न समझे, 
मेरे बिन कहे सब समझ जाओगी। 
जो किसी को न दिखें वो आंसू देख पाओगी 
मेरे बिन कहे तुम सब समझ जाओगी। 

जो किसी को न दिखें वो ज़ख्म तुम्हे दिख जाते ,
जो डगमगाते कदम, तुम्हारे हाथ मुझे उठाते। 
बिना किसी चिंता हम तेरी गोद में सो जाते। 

कभी तो मेरे पास आजाओ, 
अपने आँचल में फिर से मुझे छुपाओ, 
या मुझे ही अपने पास बुलाओ। 
फिर याद आया न मुमकिन है ये 
न मुमकिन है वो 
क्यूंकि अब पास है मेरे  जिम्मेदारी का बोझ 
जिसे अब निभाना है मुझे हर रोज। 
माँ कहाँ गयीं तुम, ये दुनिया अजनबी हो गई

 

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