भारत के हर घर में हिंदी कॉमिक्स को लोकप्रिय बनाने वाले भारतीय कार्टूनिस्ट श्री प्राण साहब का जन्म कसूर नामक कसबे में, जो अब पकिस्तान में है, हुआ था। M.A. (राजनीति शास्त्र) और फाइन आर्ट्स का अद्धयन करने के बाद उनका कार्टूनिंग करियर 1960 में दैनिक मिलाप से शुरू हुआ।
उन दिनों सारे भारत में विदेशी कॉमिक्स छपती थीं। प्राण साहब ने भारतीय पात्रों की रचना करके स्थानीय विषयों पर कॉमिक्स बनाना शुरू किया। उनके प्रमुख चरित्र हैं : चाचा चौधरी, साबू , श्रीमतीजी, पिंकी, बिल्लू और रमन।
उनकी कॉमिक्स पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ते हुए नौजवानों की हमेशा साथी रही हैं और इन पात्रों से होने वाले मनोरंजन का भरपूर लुत्फ़ उठाया है।
सं 1995 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड ने इन्हे पीपुल ऑफ़ द ईयर के अवार्ड से पुरस्कृत किया था।
इतना ही नहीं उनकी चाचा चौधरी स्ट्रिप्स को इंटरनेशनल म्युज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट, अमेरिका में स्थायी रूप से रखा गया है ।
1983 में स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्रीमती इंद्रा गाँधी ने प्राण साहब की राष्ट्रीय एकता पर बनी कॉमिक्स "रमन, हम एक हैं " का विमोचन किया था और एन्साक्लोपीडिए ऑफ़ कॉमिक्स के एडिटर ने तो कार्टूनिस्ट प्राण को " वाल्ट डिज्नी ऑफ़ इंडिया " कहा है।
क्या आप जानते हैं की चाचा चौधरी पर आधारित बनी टी वी सीरियल लगातार 600 एपिसोड्स तक एक प्रमुख चैनल पर दिखाई गयी थी।
इनके द्वारा रचित चरित्रों की लोकप्रियता का रहस्य है की ये सीधे सरल हास्य द्वारा आज भी पाठकों को भीतर तक गुदगुदा देते हैं।