दोस्तों आजकल की मोबाइल और कंप्यूटर गेम्स की दुनिया में हम इतना खो गए हैं की रंगीन किताबों की दुनिया से बहुत दूर हो गए हैं।
आजकल के बच्चे किताबों में बने रंगबिरंगे चित्रों से कल्पना की दुनिया में जाना जानते ही नहीं, लेकिन 80 और 90 के दशक में एक समय ऐसा था जब भारत के हर बर में बच्चे कॉमिक्स के दीवाने हुआ करते थे बच्चे लम्बे सफर के दौरान इन्हे अपने साथ लेजाना और पढ़ना पसंद करते थे, एक दुसरे के घर जा कर घंटो कॉमिक्स पढ़ी जाटी थीं, हाल यह था की बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में खानापीना भूल कर सारा सारा दिन कॉमिक्स पढ़ते रहते थे, रात में चुप कर रजाई में टोर्च की रौशनी में कॉमिक्स का मज़ा लिया जाता था और हद तो तब होती थी जब बच्चे पढ़ाई की किताबों के बीच में छुपा कर रख कर घंटों इन्हें पढ़ते थे और माँ-बाप समझते थे की उनके बच्चे पढ़ रहे हैं।
जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे हैं चाचा चौधरी,बिल्लू,पिंकी, रमन आदि मशहूर हिंदी कॉमिक्स की।
तो ऐसा क्या था इन कॉमिक्स में जो उस समय के बच्चों और बड़ों को इनकी लत लग गयी थी। धीरे धीरे समय के साथ कॉमिक्स कि दुनिया कहीं खो गयी लेकिन आज भी लोगों को अगर कहीं मिल जाए तो इन्हें पढ़ना बहुत पसंद होता है।
यहाँ हम बताना चाहेंगे की इन मनोरंजक कॉमिक्स के रचयता भारत के कार्टूनिस्ट श्री प्राण साहब थे और इन कॉमिक्स के लोकप्रिय होने का कारण है कि ये सीधे सरल हास्य द्वारा आज भी पाठकों को भीतर तक गुदगुदा देते हैं।