gwalior fort Madhya Pradesh
raja mansingh's telephone in gwalior fort madhya pradesh, ग्वालियर किले मे टेलीफ़ोन
ग्वालियर का क़िला कहे या राजा मानसिंह का महल कहें , ये क़िला ग्वालियर की सबसे
खूबसूरत ईमारत है जिसने अपने अंदर कई रहस्यों से भरे राज़ और प्राचीन तकनीक
को आज तक जीवित रखा है, तो आइये चलते हैं ग्वालियर किले के सुनहरे
इतिहास के पन्नो को पलटने ।
राजा मानसिंह ने सन 1486 से लेकर 1516 ईस्वी तक ग्वालियर किले पर राज किया
और वो समय ग्वालियर किले का सबसे सुनहरा समय था क्योंकि उस समय किले की
शान ओ शौकत अपने चरम पर थी जिसके प्रमाण आज भी किले में आने वाले
लोगो को अचम्भित करते हैं ।
अब अगर बात करे टेलीफ़ोन और मोबाइल तकनीक की , तो ये सारी चीज़ें
आधुनिक तकनीक का हिस्सा है, लेकिन यहाँ अगर हम आपसे कहें की
,जी नहीं टेलीफ़ोन तो राजा महाराजाओं के समय मे भी होते थे और
इसका प्रमाण आपको ग्वालियर किले के अंदर रानियों के लिए बनाये
गए स्विमिंग पूल के पास की दीवार पर मिलता है जिस पर रौशनी डालते
हुए यहाँ के स्थानीय गाइड बताते हैं की ये एक टेलीफ़ोन है जिसमे
आपको दो गोलाकार छेद नज़र आएंगे इसके पीछे की तकनीक ये है
की जब आप इसमें बोलेंगे तो आपकी आवाज़ नीचे के कक्ष में जाएगी
जहाँ ऐसा ही एक और टेलीफ़ोन बना है और वहां से बोलने पर
स्विमिंग पूल के कक्ष में आवाज़ सुनायी देगी यही वो तकनीक
है जिसके द्वारा राजा मानसिंह अपनी रानियों से वार्तालाप करते थे ।
इस कक्ष में टेलीफ़ोन के आलावा रानियों के लिए झूला झूलने और
स्विमिंग पूल के स्पा का मज़ा लेने का भी पूरा इंतेज़ाम था ।
इस स्विमिंग पूल मे कई प्रकार के सुगन्धित फूल और इत्रों को रानियों के नहाने के
लिए डाला जाता था इसलिए इस पूल का नाम केवड़ा कुंड था , यही वो कुंड
है जिसमे राजा मानसिंह की रानियों ने उनकी मृत्यु के बाद अग्नि जौहर
किया था । जिसके बाद इस कुंड को बंद कर दिया गया । ये वो क़िला है
जिसने आज की जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपने अंदर
सदियों से जीवित रखा है ।
cover pic:india.com
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