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गोलगप्पा, पुचका, गुपचुप

गोलगप्पा, पुचका, गुपचुप... इसके हैं अनेकों नाम....... golgappa,puchka,gupchup

 

गोलगप्पे का नाम सुनते ही मुँह मे पानी आ जाता है . भारत का यह सुप्रसिद्ध व्यंजन देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग नामों से भले ही जाना जाता हो , पर असर एक ही होता है, और वो है मुँह में पानी आना ..... गोलगप्पा एक ऐसा व्यंजन है जिसे हर वर्ग के लोग खाते हैं . हर शादी/ पार्टी में सबसे ज़्यादा भीड़ गोलगप्पे के स्टाल पर ही होती है . इसके अनेक नाम हैं जैसे उत्तर प्रदेश में गोलगप्पे ,अवध में पानी के बताशे, बंगाल में पुचका, महाराष्ट्र में पानीपूरी, ओडिशा में गुपचुप,मध्य प्रदेश में गोलगप्पों को टिक्की कहते है तो देश के कुछ और हीस्सो में पानी के बताशे , पड़ाका , पकोड़ी, फुल्की आदि जैसे नामों से जाना जाता है .


कहा जाता ही की गोलगप्पे पहेली बार मगध, जो की अब दक्षिण बिहार में है बने थे . सबसे पहले इसका नाम फुल्की था. गोलगप्पे के बताशे दो प्रकार से बनते हैं , एक सूजी के और दूसरे आटे के.ी गोलगप्पों के इतिहास में जाएं तो इन से जुड़ी एक कहानी भी सामने आती है की द्रौपदी की पांडवों से शादी के बाद माता कुंती ने उनकी परीक्षा ली ,

यह देखने के लिए की वो कम संसाधनों में भी खाना बना सकती हैं या नहीं , जिसमे माता कुंती ने कुछ सब्ज़ीयाँ धनिया और थोड़ा सा आटा दिया और द्रौपदी से उसी सामान से पांचों पांडवों के लिए पर्याप्त खाना तैयार करने को कहा तो द्रौपदी ने आटे के गोल बताशे बनाये और धनिये का पानी बना कर सब्ज़ी भर कर सारे पांडवों का पेट भर दिया ,

जिससे प्रसन्न हो कर माता ने द्रौपदी को आशीर्वाद दिया की तुम्हारा ये व्यंजन सदा के लिए अमर हो जाए . हमारे इस भारतीय व्यंजन को सिर्फ भारत में ही नहीं बहार के देशों में भी प्रसिद्धि हासील है, और यहाँ तक की अंग्रेजी की ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी में पानीपुरी शब्द को शामिल किया गया है जो इसे विश्व प्रसिद्ध बनाती है

 

 

 

 

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