आईये जानते हैं बरेली कैसे बना कैसे बसा । पूरा इतिहास. HISTORY OF BAREILLY
आईये जानते हैं बरेली कैसे बना कैसे बसा । पूरा इतिहास. HISTORY OF BAREILLY
आईये जानते हैं बरेली कैसे बना कैसे बसा । पूरा इतिहास
बरेली उत्तर प्रदेश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण जिला है जो की नाथ नगरी, जरी नगरी, और मेडिकल हब के रूप में अपनी पहचान बनाता है। बरेली के इतिहास को बताऊँ तो सबसे पहले इसमें जगत सिंह कठेरिया का नाम आता है जिन्होंने करीब १५०० के आसपास जगतपुर की नींव डाली , जो आज भी मौजूद है बरेली के पुराना शहर में एक मोहल्ले के रूप में। उसके बाद जगत सिंह कठेरिया के दो पुत्र हुए, नाम था बास देव और बरल देव। इन्होने ही बरेली की स्थापना की १५३७ में और बरेली आबाद हुआ।बास देव , बरल देव ने यहाँ एक क़िला भी बनवाया जो की बाद में समाप्त हो गया लेकिन क़िला के नाम से एक मोहल्ला आज भी यहाँ है जहाँ पुराने क़िले के कुछ अवशेष अभी भी बाकी हैं । लेकिन रुकिए बरेली का इतिहास इससे भी पुराना है जब यह बरेली कहलाने से पहले पांचाल राज्य यानि द्रोपदी का घर हुआ करता था। पुराने समय में बरेली का जायदातर हिस्सा जंगलों से भरा हुआ था । पांचाल राज्य के सबूत आज भी आपको बरेली से 54 किलोमीटर दूर आंवला के समीप रामनगर में मिल जायेंगे । कल्पना कीजिये कभी द्रोपदी बरेली की धरती पर आती होंगी और भगवान् श्री कृष्ण के चरण भी यहाँ पड़ें होंगे ।
बरेली पर पांचाल के बाद मुग़ल शाशकों का राज्य रहा और फिर अफ़ग़ानिस्तान के रोह नमक जगह के पठानों का अधिकार रहा जिससे यह रोहिलखण्ड क्षेत्र कहलाया जिसके अंदर बहुत से आसपास के जिले आये जैसे की बदाऊं, पीलीभीत ,शाहजहांपुर , अमरोहा , मुरादाबाद , बिजनौर, संभल और रामपुर। ये सारा क्षेत्र रोहिलखण्ड कहलाया और बरेली इसका एक सबसे महत्वपूर्ण जिला। इसके बाद बरेली पर अंग्रेज़ों का अधिकार सन १८०१ में आजादी तक । अंग्रेज़ों के समय में बरेली का महत्व और जायदा बढ़ गया था क्यों की उन्होंने बरेली को कमिश्नरी मुख्यालय बनाया जिससे वे लोग आसपास के क्षेत्रों पर नज़र रखते थे। अंग्रेज़ों की कुछ निशानियाँ आज भी मौजूद है जैसे की सी बी गंज , कंपनी गार्डन जिसको हम गाँधी उद्यान भी कहते हैं। आज बरेली एक समृद्ध नगर हैं और भारत के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। बरेली रेल मार्ग से हर महानगर से जुड़ा हुआ है और सड़कों की व्यवस्था भी बहुत ही बेहतरीन है।
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