फ्रांस के मॉन्टीगनक शहर में चार बच्चों ने अपने कुत्ते का पीछा करते करते एक ऐसी छुपी हुई गुफा का
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थोड़ा दिमाग पर जोर डालें 8000 साल पुरानी उन्नत सभ्यता ... सिंधु घाटी सभ्यता ये चीजें आपको दीखाने का मतलब सिर्फ इतना
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उस समय इस तरह की विशाल ईटों का प्रयोग किया जाता था भवनों की निर्माण में . ये जो ईटें
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इतिहासकारों का मानना है की ये शायद अभी तक की खोजी गयी सबसे पुरानी इंसानो के हाथों से बनी हो
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देश विदेश घूमने का ख़याल तो कई बार मन में आता ही है, लेकिन कभी सोचा है कि अपने देश
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900 Ad -1000 Ad यानी करीब 1121 साल पुरानी इस मूर्ती में भगवान् श्री कृष्ण ने कालिया नाग को पूँछ से पकड़ रखा है
और उसके फन पर नृत्य मुद्रा में और नीचे कालिया नाग हाथ जोड़कर अपनी गलती स्वीकार करते मुद्रा में दिख रहे हैं
इस मूर्ती के नीचे के भाग में चार कुंडे भी बनाये गए थे ताकि इसे आसानी से चलाया या खींचा जा सके।
info source and pic credit:artsandculture.google.com
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भगवान शिव के सात रूपों के दर्शन वाली सप्तमूर्ति,आर्केओलॉजिस्ट्स के अनुसार यह 5 वीं - 6 वीं शताब्दी की
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सृष्टि के रचयता -भगवान् ब्रह्मा की 6 वीं शताब्दी की मूरत, एलीफैंटा की गुफाओं से मिली थी जो अब मुंबई
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100 वर्ष ईसा पूर्व की घोषा राजवंश की अश्वघोष सील जिनका पांचाल क्षेत्र में गुप्त काल से पूर्व राजपाट था। यह
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एक करोड़ साल पुराना जीवाश्म .
पांचाल म्यूजियम , रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी , बरेली एक करोड़ साल पहले कोई पेड़ चट्टान पर गिरा , और उस चट्टान में समां गया और लकड़ी पत्थर बन गयी .
इस टुकड़े का वजन हे 35( पैतीस) किलो है . साथ ही समुद्र के लहरों के निशान भी इसमें बन गए है. इसी के साथ आप देख सकते हैं तीन और पत्थर समुद्री
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गुप्ता राजवंश का शासन उत्तरी और मध्य भारत में चौथी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी के आस पास तक रहा
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pic credit: mintageworld
information source: Ancient Sciences and Archaeology book volume IV
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प्राचीन काल में अहिछ्त्र उत्तर पांचाल की राजधानी हुआ करता था यह वही पानचल राज्य है जिसका वर्णन गीता महाभारत
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सम्राट कुमारगुप्त, गुप्ता राजवंश के राजा चन्द्रगुप्त-ll के पुत्र थे जिनका राजकाल (415 - 455 ) तक रहा । उन्होंने
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ताम्र युगी संस्क्रति एक प्राचीन संस्कृति है जिसका ठीक ठीक समय काल तो नहीं खा जासकता किन्तु इतना ज़रूर खा जा
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