Historical Artifacts

चार बच्चों ने ढुंडी पाषाणकालीन छिपी हुई गुफाएं

फ्रांस के मॉन्टीगनक शहर में चार बच्चों ने अपने कुत्ते का पीछा करते करते एक ऐसी छुपी हुई गुफा का

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थोड़ा दिमाग पर जोर डालें(indus valley civilization)

थोड़ा दिमाग पर जोर डालें 8000 साल पुरानी उन्नत सभ्यता ... सिंधु घाटी सभ्यता   ये चीजें आपको दीखाने का मतलब सिर्फ इतना

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महाभारत कालीन ईटें(mahabharat kalin bricks, avshesh ) in hindi

उस समय इस तरह की विशाल ईटों का प्रयोग किया जाता था भवनों की निर्माण में . ये जो ईटें

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5 लाख साल पुरानी मानव द्धारा निर्मित कारीगरी, एक शेल के ऊपर(5 milion years old man-made workmanship,over a shell)

इतिहासकारों का मानना है की ये शायद अभी तक की खोजी गयी सबसे पुरानी इंसानो के हाथों से बनी हो

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rare artifacts in national museum new delhi (flying celestials sculpture)

देश विदेश घूमने का ख़याल तो कई बार मन में आता ही है, लेकिन कभी सोचा है कि अपने देश

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900 AD statue in National Museum New Delhi, lord krishna on kaliya naag

 

900 Ad -1000 Ad यानी करीब 1121 साल पुरानी इस मूर्ती में भगवान् श्री कृष्ण ने कालिया नाग को पूँछ से पकड़ रखा है 

और उसके फन पर नृत्य मुद्रा में और नीचे कालिया नाग हाथ जोड़कर अपनी गलती स्वीकार करते मुद्रा में दिख रहे हैं 

इस मूर्ती के नीचे के भाग में चार कुंडे भी बनाये गए थे ताकि इसे आसानी से चलाया या खींचा जा सके।

info source and pic credit:artsandculture.google.com

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Ghosha dynasty seal, घोषा राजवंश की अश्वघोष सील ,ancient artifact

100 वर्ष ईसा पूर्व की घोषा राजवंश की अश्वघोष सील जिनका पांचाल क्षेत्र में गुप्त काल से पूर्व राजपाट था। यह

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1 crore years old artifact समुद्री जीवाश्म पत्थर,सालिग्राम ,sea urchin fossil, saligram pathar

एक करोड़ साल पुराना जीवाश्म .

पांचाल म्यूजियम , रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी , बरेली एक करोड़ साल पहले कोई पेड़ चट्टान पर गिरा , और उस चट्टान में समां गया और लकड़ी पत्थर बन गयी .

इस टुकड़े का वजन हे 35( पैतीस) किलो है . साथ ही समुद्र के लहरों के निशान भी इसमें बन गए है.  इसी के साथ आप देख सकते हैं तीन  और पत्थर समुद्री

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gupta period art and sculpture pottery| gupta empire artifacts 4th- 5th ce

गुप्ता राजवंश का शासन उत्तरी और मध्य भारत में  चौथी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी के आस पास तक रहा

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ahichchhatra in hindi ,ancient artifacts and their story,अहिछ्त्र अर्कायोलॉजिकल साइट

 प्राचीन काल में अहिछ्त्र उत्तर पांचाल की राजधानी हुआ करता था यह वही पानचल राज्य है जिसका वर्णन गीता महाभारत

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kushan Empire Sculptures|Kushan Art|ancient artifacts from kushan dynasty

कुषाण कालीन आर्टिफैक्ट्स  भारत और भारतीय उपमहाद्वीपों पर पहली शताब्दी के दौरान शासनकाल को कुषाण काल के नाम से सम्बोधित किया

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Prael Relief, 5th century Lord Shiva granite sculpture, भगवान शिव के सात रूपों के दर्शन वाली सप्तमूर्ति

भगवान शिव के सात रूपों के दर्शन वाली सप्तमूर्ति,आर्केओलॉजिस्ट्स के अनुसार यह 5 वीं  - 6 वीं   शताब्दी की

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6 वीं शताब्दी की ब्रह्मा जी की मूरत creator of the universe-Lord Brahma sculpture

सृष्टि के रचयता -भगवान् ब्रह्मा की 6 वीं शताब्दी की मूरत, एलीफैंटा की गुफाओं से मिली थी जो अब मुंबई

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ताम्र युगी संस्क्रति, copper hoard culture full detail with images

ताम्र  युगी संस्क्रति एक प्राचीन संस्कृति है जिसका ठीक ठीक समय काल तो नहीं खा जासकता किन्तु इतना ज़रूर खा जा

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Famous Mathura railings of Kushan Dynasty ancient lady with the grape wine pot, कुषाण कालीन मथुरा रेलिंग्स ऐंड  पिल्लर्स 

कुषाण कालीन मथुरा रेलिंग्स ऐंड  पिल्लर्स

 

मथुरा रेलिंग कुषाण भारत की मिश्रित संस्कृति के सौंदर्यशास्त्र और लोकप्रिय मान्यताओं की गवाही देती  हैं ।  इन प्राचीन खम्बों में से एक महत्वपूर्ण रेलिंग है जिस पर बहुत सुन्दर आकृति तराशी हुई है जिसमे एक राजसी महिला दाहिने हाथ में अंगूर का एक गुच्छा लेकर खड़ी है और उसके  बाएं हाथ में मदिरा का घड़ा है। और उसके ऊपर एक जोड़े को मदिरा के नशे में रेलिंग के ऊपर से शराब के मटके तक पहुँचने की कोशिश में दर्शाया गया है। परोक्ष रूप से यह छवि अंगूर और मदिरा की जानकारी देती है,  जो  शायद अंगूर से बनी होगी, और  उस काल की  बागवानी प्रथाओं में अंगूर की मदिरा और अन्य पेय बनाने के तरीकों के सम्मलित होने की ओर इशारा करते हैं।   इस मूर्ती के हाथ में दिख रहे दो तरफ़ा कटोरे  से पता चलता है कि सुराही के आकर वाले बर्तन से मदिरा परोसी जा रही है, विशेष रूप से अंगूरों से बनी मदिरा, जिसने प्राचीन ग्रीक सभ्यता वाले वस्त्रों को धारण किया हुआ है। इस के अलावा प्राचीन काल में भारत के ग्रीक जैसे यूरोपियन देशों से आयात निर्यात के सम्बन्ध थे इस का पता भी चलता है जिन में ग्रीक मदिरा और ग्रीक स्त्रियों का निर्यात 

शामिल था। इन निर्यातों का उल्लेख कई पुराने ऐतिहासिक  शास्त्रीय और भारतीय लेखों में भी मिलता है।

info creit :history of agriculture in India 

pic credit:history of agriculture in india 

 

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