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अंग्रेज़ों ने बसाया एक खूबसूरत शहर दार्जिलिंग : DARJEELING,WEST BENGAL

अंग्रेज़ों ने बसाया एक खूबसूरत शहर दार्जिलिंग : DARJEELING,WEST BENGAL

 हम बात कर रहे हैं दार्जिलिंग शहर की जिसकी औसत ऊँचाई 2134 मीटर (6982 फुट) है,दार्जिलिंग शब्द की उत्पत्ति  दो तिब्बती शब्द  दोर्जे (बज्र) और लिंग (स्थान) से हुई है। इस का अर्थ "बज्र-का स्थान है, जो की वेस्ट बंगाल का सिर्फ एक खूबसूरत पहाड़ी शहर ही नहीं बल्कि  एक विश्व धरोहर मानी जाने वाली एक टॉय ट्रेन का घर भी है "दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे" को ही टॉय ट्रेन कहते है जो नैरोगेज की पटरी पर स्टीम इंजन द्वारा चलने वाली ट्रेन है, ये नई जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच चलते हुए अपना 88  KM का  खूबसूरत सफर तय करती है।

दार्जिलिंग की खोज उस समय हुई जब आंग्‍ल-नेपाल युद्ध के दौरान एक ब्रिटिश सैनिक टुक‍ड़ी सिक्किम जाने के लिए छोटा रास्‍ता ढूँढ रही थी ।यहां का ठण्‍डा वातावरण तथा बर्फबारी अंग्रेजों को बहुत अच्छा लगा और ब्रिटिश लोग यहां धीरे-धीरे बसने लगे।   बात यहीं पर ख़त्म नहीं होती क्योंकि दार्जिलिंग का ज़िक्र, दार्जिलिंग के चाय के बागानों से आयी चाय की पत्ती के बिना पूरा नहीं  होता है।

दार्जीलिंग टी की चुस्कियों का स्वाद बंगाल और भारत तक ही सीमित नहीं  है, बल्कि भारत दार्जिलिंग  टी का, और देशों  में एक बड़े पैमाने पर निर्यात भी करता है। भारत हर साल करीब 8।5 मिलियन दार्जिलिंग टी एक्सपोर्ट करता है

जिसमे सिर्फ  एक तरह की चाय नहीं बल्कि कई कैटेगरी की चाय होती हैं जैसे - ब्लैक  दार्जिलिंग टी, असॉर्टेड दार्जिलिंग टी,ऑर्गनिक दार्जिलिंग टी, दार्जिलिंग वाइट टी, प्रीमियम ग्रीन दार्जिलिंग टी आदि । विश्व के कुछ बड़े देश जहाँ भारत से दार्जिलिंग टी भारी मात्रा में निर्यात होती है वो हैं जापान , सिंगापोर, साउथ कोरिया,जर्मनी,हांगकांग, फ्रांस,इटली..........       
शहर  की भाग दौड़ से दूर दार्जिलिंग के ठन्डे और सुकून भरे माहौल में पहुंच कर एक इच्छा ज़रूर होती है कि दार्जिलिंग टी की गरमा गर्म प्याली के साथ यहाँ के मशहूर चिली चटनी वाले मोमोस होजाएं तो मज़ा आजाए ...............

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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