indian historical shields
Indian historical shields,मारु प्रकार की ढाल
ढाल जिसे अंग्रेजी में shield कहते हैं एक प्रकार का हथियार होता है जिसे युद्ध क दौरान अपने बचाव क लिए इस्तेमाल किया जाता था।
वैसे तो ढाल कई प्रकार की होती हैं, पर मुख्यता 6 प्रकार की ढाल क बारे में इतिहास में देखा जा सकता है जिन्हे हमारे महान राजाओं ने कभी हाथ में लेकर युद्ध किये होंगे और जीते होंगे।
मुख्यता ढाल 6 प्रकार की होती हैं
1 तुरा
2 सिपर
3 पहरि
4 मारु
5 जुनाह
6 बकलर
मारु प्रकार की ढाल एक विशिष्ट मराठा हथियार है जो भीड़ को धक्का देने और प्रहार से बचाव के लिए बानी थी। इसमें सींगों की एक जोड़ी शामिल होती है जो विपरीत दिशाओं में अपने बिंदुओं के साथ एक साथ बांधी जाती थी। केंद्र में चमड़े या धातु की एक छोटी ढाल लगाई गई थी। इसका दूसरा रूप कल्कन था जो गोलाकार था और बेंत का कैसा हुआ ढांचा जिसपर रेशम के धागे बंधे होते थे।
यह 17 वि शताब्दी की मराठाओं की मारु- ढालदार ढाल है जिसमे दाँतेदार किनारे, चार धात्विक सादि घुंडी, दाँतेदार सीमा के साथ, ऊपरी सतह पर एक अर्धचंद्र के साथ चिपकाए जाते थे दो छोटे भाले तीन धार वाले ढाल से समकोण पर जुड़े होते थे । इस आक्रामक साथ ही साथ रक्षात्मक हथियार को भीड़ चीर भी कहा जाता है क्योंकि यह मराठाओं की मार कर भागने वाली युद्ध रणनीति के अनुकूल थी
Period: early 18th Century
Length: 46.9 cm
Diameter:14.6 cm
info credit: National museum New Delhi
Pic credit: national museum New Delhi
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