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प्राचीन काल में ऋषि जाबालि ने बसाया तो बन गया जबलपुर jabalpur (madhya pradesh ) History of jabalpur
प्राचीन काल में ऋषि जाबालि ने बसाया तो बन गया जबलपुर jabalpur (madhya pradesh )
जबलपुर भारत के कई अन्य शहरों जिन्हे नवाबों या अंग्रेज़ों ने बसाया था, की तरह नहीं है क्योंकी इसे किसी नवाब या अंग्रेज़ ने नहीं बल्कि एक ऋषि ने बसाया था। पौराणिक कथाओं और पुराने लोगों की माने तो ऋषि जाबालि प्राचीन काल में नर्मदा के तट पर तपस्या करने आये और काफी लम्बे समय तक यहीं रहे और इस बीच उन्होंने एक नगर को बसाया जिसका नाम पड़ा जाबालिपुरम। प्राचीन काल में जबलपुर को कई और नामों से भी जाना जाता था जैसे गौंडवाना और त्रिपुरी क्योंकि यहाँ कई कलचुरी राजाओं का राज रह चुका है, अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में इसे जब्बलपोर नाम दिया था। कहते हैं गौंड राजाओं ने अपने समय में यहाँ कई ताल और मंदिर बनवाये जिनमें से कुछ ताल अभी भी बाकी बचे हैं। ऐसा कहा जाता है की जबलपुर में 52 प्राचीन ताल तलियें हैं जिनमें से कुछ निम्न हैं; आधारताल, रानी तालाब , हनुमानताल, फूटाताल, , हाथीताल, सूपाताल, देवताल, कोलाताल, बघाताल, ठाकुरताल, गुलौआ ताल, माढोताल, मठाताल, सुआताल, खम्बताल, गोकलपुर तालाब, शाही तालाब, उखरी तालाब, कदम तलैया, भानतलैया, श्रीनाथ की तलैया, तिलकभूमि तलैया, बैनीसिंह की तलैया, तीनतलैया, लोको तलैया, ककरैया तलैया, जूडीतलैया, गंगासागर, संग्रामसागर आदि हैं.
इस शहर के कुछ प्रमुख स्थान जैसे मदन महल जो की 11 वि शताब्दी के गौंड राजा मदन शाह का महल है उसी के पास बैलेंसिंग रॉक है यहाँ एक चट्टान के ऊपर दूसरी चट्टान बिना किसी सहारे के बड़े ही अचम्भित तरीके से टिकी हुयी है ,भेड़ाघाट- नर्मदा और बनगंगा का संगम है जिसमे आपको नदी के दोनों तरफ सफ़ेद मार्बल की बड़ी बड़ी चट्टानें दिखाई देती हैं और आप उनके बीच बोटिंग का आनंद ले सकते हैं यहाँ से आगे बढ़ने पर आप पॅहुचते हैं धुआँधार फॉल्स- जहाँ से नर्मदा के तेज़ बहाव को देखने के लिए तीन काफी ऊंचाई पर व्यू पॉइंट्स बनाये गए हैं ,इस के अलावा पिसनहारी मंदिर ,चौसठ योगिनी मंदिर,आधारताल में बड़ा हनुमानजी का मंदिर यहाँ के कुछ मुख्य मंदिरों में शामिल हैं, वहीँ घूमने फिरने वालों के लिए कई नए पुराने बाजार भी हैं जैसे घंटा घर के आस पास का मार्किट ,लाद बाजार, सदर बाजार ,गोल बाजार -जिसमे घुसने और निकलने के कई रस्ते है जो शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक पंहुचा सकते हैं लेकिन जबलपुर के लोगो के लिए अल्टीमेट शॉपिंग डेस्टिनेशन आज भी कमानिया गेट के आसपास बना पुराने समय का बाजार है जिसमे होलसेल और रिटेल की दुकानों का मिलाजुला बाजार है।
इसके आलावा जबलपुर में एक रानी दुर्गावती मेमोरियल म्यूजियम भी है,तो शहर के कैंटोनमेंट इलाके में खूबसूरत आर्किटेक्चर की पुरानी इमारतें जैसे कमिश्नर रेजीडेंसी , एम्पायर थिएटर, लॉ कोर्ट्स भी यहाँ घूमने आने वाले लोगों को आकर्षित करते हैं।अगर आप इस शहर में खाने पीने की जगह ढूंढ रहे हैं तो रसल चौक पर रुपाली रेस्टुरेंट, झरोका रेस्टुरेंट,दरबार रेस्टुरेंट या दालचीनी रेस्टुरेंट का स्वाद ले सकते हैं और अगर आप मीठे के शौक़ीन हैं तो नौदिरा ब्रिज के मार्किट में हीरा स्वीट्स और अवन क्लासिक बेकरी में जा के अपनी टेस्ट बड्स को खुश कर सकते हैं।
और इन सब के बाद अगर आपका भक्ति रास में डूबने का मन करे तो आप गौरी घाट जा सकते हैं जहाँ हर शाम नर्मदा माँ की आरती होती है।
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