अनौपचारिक पत्र के उदाहरण
हिंदी के अनौपचारिक पत्र के उदाहरण , informal letters examples and format
अनौपचारिक पत्र के उदाहरण
1 मित्र को गर्मियों की छुट्टियों में अपने घर आने के लिए पत्र
१२, वीर सावरकर नगर
बरेली
दिनांक २-१-२४
प्रिय किआना
प्यार भरा नमस्ते।
आशा करती हूँ कि तुम सकुशल होगी। जैसा कि तुम जानती हो कि हमारी गरमियों कि छुट्टियां आरम्भ होने वाली हैं और हमने बहुत समय से एक साथ समय नहीं बिताया है, तो मैं चाहती हूँ कि इन छुट्टियों में तुम मेरे घर आओ और मेरे साथ छुट्टियाँ बिताओ। हम साथ में मेरी नयी गुड़िया से खेलेंगे, घूमने जाएंगे और माँ के हाथ के बने पकवान खाएंगे और खूब मज़े करेंगे।
मैं आशा करती हूँ कि तुम मेरा निमंत्रण स्वीकार करोगी।
तुम्हारी प्रिय सखी,
तुषानी सिंह
2 मित्र को पिकनिक के लिए निमंत्रण पत्र
१२, वीर सावरकर नगर
बरेली
दिनांक २-१-२४
प्रिय किआना
प्यार भरा नमस्ते।
तुम्हे यह जान कर ख़ुशी होगी कि अगले रविवार के दिन हम सभी घर के सदस्य और साथ में पिताजी के मित्र का परिवार गोला नदी के तट पर पिकनिक मनाने जा रहे हैं। वहीँ पर हम भोजन भी बनाएंगे। गाना बजाना भी होगा, सभी बच्चे मिलकर खेलेंगे, नदी कि सुन्दर मछलियों को देखेंगे, बड़े वाले पत्थर पर बैठेंगे और फोटो खिचायेंगे और सभी मिलकर स्वादिष्ट भोजन खाएंगे। इस अवसर पर मैं तुम्हे आग्रह पूर्वक निमंत्रित करती हूँ।
मैं आशा करती हूँ कि तुम मेरा निमंत्रण स्वीकार करोगी।
तुम्हारी प्रिय सखी,
तुषानी सिंह
3 माताजी को अपने स्वास्थ्य के विषय में पत्र
१२, वीर सावरकर नगर
बरेली
दिनांक २-१-२४
मेरी प्यारी माँ,
सादर प्रणाम।
आपको जान कर ख़ुशी होगी कि अब मेरा स्वास्थ ठीक है। जब से आप मामाजी के यहाँ गयी हैं, आपका कोई पत्र नहीं आया। मुझे आपकी बहुत अधिक याद आती है और आपके बिना रात को नींद भी ठीक से नहीं आती। आपके जाने के बाद मुझे बुखार भी होगया था पर डॉक्टर से दवाई लेने के बाद अब मैं बिलकुल ठीक हूँ। किन्तु पिताजी ने विद्द्यालय से अवकास दिला रखा है। शायद कल विद्द्यालय जाऊं।
माँ आपकी बहुत याद आती है। आप कब तक आ रही हैं ? मामाजी के बेटे के कार्यक्रम के बाद आप जल्दी आ जाइये।
आपकी प्यारी बेटी,
तुषानी
4 मित्र को जन्मदिन पर बधाई पत्र
१२, वीर सावरकर नगर
बरेली
दिनांक २-१-२४
प्रिय किआना
प्यार भरा नमस्ते।
तुम्हारे जन्मदिन का निमंत्रण-पत्र मुझे ठीक समय पर प्राप्त हो गया था। तदर्थ तुम्हें बहुत बहुत बधाई हो। मेरी इच्छा बहुत थी की मैं तुम्हारे जन्म दिन पर सम्मिलित होती, परन्तु यहाँ मेरे मामाजी की पुत्री का उसी दिन विवाह भी था। अतः मैं नहीं आ सकी पर तुम उदास मत हो मई पूरा प्रयास करूंगी की अगले वर्ष मैं तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हारे साथ हो सकूं। तुम्हे यह जान कर ख़ुशी होगी की मैंने तुम्हारे लिए उपहार भी ले रखा है जो मैं तुम्हे स्वयं देना चाहती थी किन्तु अब मैं उसे तुम्हारे पते पर कोरिअर से भेज रही हूँ ।
आशा करती हूँ तुम्हे अपने जन्मदिन का उपहार पसंद आएगा।
मेरी ओर से अंकल-आंटी को प्रणाम और छोटी को बहुत सारा प्यार देना।
तुम्हारी प्रिय सखी,
तुषानी सिंह
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