पटियाला का दुःख निवारण साहिब गुरुद्वारा: अलौकिक शक्ति का श्रोत । (patiala ka dukh niwaran gurdwara)
पटियाला का दुःख निवारण साहिब गुरुद्वारा: अलौकिक शक्ति का श्रोत । (patiala ka dukh niwaran gurdwara)
मन चाहें कितना भी अशांत,विचलित और उदास क्यों ना हो इस गुरूद्वारे में पैर रखते ही मन स्थिर हो जाता है।मानों गुरूद्वारे की सकारात्मक ऊर्जा जैसे अपने अंदर सारे दुःख दर्द उदासीनता और अशांति को सोख लेती है। इसीलिये पटियाला में स्थित इस गुरूद्वारे का नाम "दुःख निवारण साहिब गुरुद्वारा " है।
इस नाम के पीछे एक और कहानी भी कही सुनी जाती है की सिक्खों के नौवे गुरु, श्री गुरु तेगबहादुर जी को एक सिख भाग,राम सह ने प्रार्थना की,कि वह गांव लहल की संगतों को दर्शन दें। जिसके बाद गुरु जी गांव में बने एक पानी के तालाब के किनारे बैठ गए। उस समय के दौरान गांव लहल में बच्चों में सूखे की बीमारी फैली हुई थी। गुरु जी ने कहा कि जो श्रद्धालु यहां स्नान करेगा, उसके सभी रोग दूर हो जाएंगे
और उस के बाद इस जगह "दुःख निवारण साहिब" नाम से गुरुद्वारा स्थापित किया गया , संत बिशन ¨सह जी कांजला द्वारा गुरूद्वारा साहिब की नींव का पत्थर 1930 में रखा गया।गुरुद्वारा साहिब में गुरू जी के हाथों से लिखा हुक्मनामा भी सुशोभित ह ।इसके साथ ही गुरु ने हुक्मनामा में कहा है कि जो श्रद्धालु इस हुक्मनामे के दर्शन करेगा, वह मेरे दर्शन पाएगा।
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