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हिरोशिमा (hiroshima)

हिरोशिमा : मरने से पहले कैद हुए लोगों के साये !(hiroshima)

6 अगस्त 1945 में सुबह 8 :15 का समय था , जब सारा शहर अपने रोज़ के कामों में व्यस्त था, तभी पलक झपकने से भी कम समय में एक एटॉमिक बम ब्लास्ट ने पूरे शहर को ख़त्म कर दिया . इस धमाके से उत्पन्न हुई गर्मी 6000 डिग्री सेल्सियस थी , जो इतनी ज़्यादा थी की लोगों के शरीर इतनी जल्दी भस्म हुए की उनके धूप से बन रहे साये भी नहीं हट पाए और थर्मल रेडिएशन के कारण वहीं कैद हो गए. इन कैद हुए सायों को साइंटिफिक भाषा में न्यूक्लीयर शैडोज़ कहते हैं . ये डरावने साये आज भी पूरे हिरोशिमा में आपको देखने को मिल जाएंगे

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