5000 साल पुराना मंदिर बरेली में , dhopeshwar nath mandir bareilly
5000 साल पुराना मंदिर बरेली में ,dhopeshwar nath mandir bareilly
बरेली का धोपेश्वर नाथ मंदिर,एक अलौकिक शक्ति का श्रोत है . यह कोई साधारण मंदिर नही है . इसका इतिहास 5000 साल पुराना है , अर्थात महाभारत काल में जब पाण्डव और कौरव तथा भगवान श्री कृष्ण इस धरती पर विराजमान थे .
महाभारत में पांडवों के एक गुरु धूम्र ऋषि ने यहाँ तपस्या की थी तथा यही अपने प्राण त्यागे थे ,तत्पश्चात उस समय के लोगों ने यहाँ उनकी समाधी बना दी तथा उसी समाधी के ऊपर भगवान शिव के शिवलिंग की स्थापना की गयी .पहले इसका वर्णन धोमेश्वर नाथ के रूप में मिलता है . जो बाद में धोपेश्वर नाथ के रूप में विख्यात हुआ और आज इसी नाम से जाना जाता है .
इस स्थान की शक्ति का अंदाज़ा आप इस बात से भी लगा सकते हैं की करीब 1794 में अवध के नवाब आसिफ- उद- दौला ने जब रोहिलखण्ड रियासत पर अपना अधिकार कर लिया था तब नवाब अवध अपनी बेगम के साथ इस मंदिर में दर्शन करने आये थे तथा उनकी बेगम की मुराद यहीं पूरी हुई थी .
इसी ख़ुशी में नवाब अवध ने इस मंदिर परिसर में स्थित एक प्राचीन तालाब की कच्ची सीढ़ियों को पक्का कराया ,जिसे आप आज भी देख सकते है .मंदिर परिसर में भगवान शिव के आलावा अन्य बहुत से देवी देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं .जिसका दर्शन करने हजारो श्रद्धालु प्रति वर्ष यहाँ आते हैं .
मंदिर में एक गौ शाला भी बनी है तथा अन्य प्राचीन मंदिर भी मौजूद हैं . मंदिर का प्रागण भव्य और खुला खुला है तथा मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय दुकाने भी सजी होती है जिसमे तरह तरहकी धार्मिक और अन्य वस्तुएं आपको मिल जाएँगी . बरेली के इतिहास और संस्कृति में धोपेश्वरनाथ एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है
Comment