पीलीभीत के प्राचीन गौरी शंकर मंदिर की कहानी ……………(GAURI SHANKAR MANDIR,PILIBHI)
पीलीभीत के प्राचीन गौरी शंकर मंदिर की कहानी …………… (GAURI SHANKAR MANDIR,PILIBHIT)
बरेली में वैसे बहुत से प्राचीन मंदिर है जो हज़ारों साल पुराने है जैसे धोपेश्वर नाथ, अलखनाथ, वनखंडी नाथ ,त्रिवटीनाथ मंदिर आदि ।आज हम अपने पोस्ट में ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं , ये मंदिर बरेली जिले के पास ही पीलीभीत जिले के मोहल्ला खखरा में स्थित गौरी शंकर मंदिर नाम से जाना जाता है। ये मंदिर करीब 250 सालों से भी ज्यादा पुराना है । इस मंदिर की खासियत यह है की इसमें जो शिवलिंग रखा है वो प्राकृतिक रूप से किसी दूसरी जगह पर मिला था, और वर्तमान में अब गौरी शंकर मंदिर में स्थित है। और आज जो पंडित इस मंदिर की देख भाल कर रहे हैं, उन्ही के पूर्वजों को ये शिवलिंग दिया गया था। ये शिवलिंग उन्हें किसने और क्यों दिया आइये जानते हैं । यहाँ के लोगों का कहना है की पहले यहाँ जंगल था, तब यहाँ बंजारा समुदाय के लोग आकर रहने लगे और अपना जीवन यापन करने के लिए उन्होंने यहाँ खेती बाड़ी करना शुरू कर दिया । इसी बीच द्वारिकादास नाम के एक बंजारे को महसूस हुआ की इस जगह पर कुछ है, उसके बाद जब यहाँ खुदाई की गयी तो एक शिवलिंग प्राप्त हुआ । द्वारिकादास के कोई औलाद न होने के कारण उन्होंने कुछ समय तक शिवलिंग की सेवा की और फिर उन्होंने सोचा की "मेरे बाद इस शिवलिंग की सेवा कौन करेगा"? यही सोच के उन्होंने शिवलिंग कोपंडित जयशंकर महंत (जो इस समय मंदिर के पुजारी) के पूर्वजों को दे दिया । पहले ये मंदिर छोटा सा था। पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी , लेकिन कुछ समय के बाद पुरातत्व विभाग से मंदिर के निर्माण कार्य की अनुमति मिल गयी । अब ये मंदिर पहले से ज्यादा बड़ा है । मंदिर में गौरीशंकर जी के अलावा हनुमान जी, गणेश जी, माता दुर्गा जी की मूर्तियाँ भी हैं। इस मंदिर के मुख्य द्वार 18 वीं शताब्दी में हाफिज रहमत खां ने बनवाये थे ।
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