No icon

ancient sanskrit inscriptions

ancient SANSKRIT poetry inscriptions with complex geometrical patterns. प्राचीन भारतीय महान गणितज्ञ कवी थे और शब्दों से खेलने वाले जादूगर . ....

हमारे प्राचीन भारतीय पूर्वज महान गणितज्ञ थे और महा कवी और शब्दों से खेलने वाले जादूगर  भी । प्राचीन कवी कई काव्यों की रचना किया करते थे जिनमे कभी राजा के बारे में होता था तो कभी देवी देवताओं के बारे में, जो संस्कृत, कन्नड़, तेलगु और तमिल जैसी भाषाओँ में लिखे गए थे। इनमे से कई काव्य बहुत दुर्लभ, जटिल और दिलचस्प तरीके से लिखे गए थे, इन काव्यों की विशेषता ये थी की इन की पंक्तियों के शब्दों के  अक्षर  इस तरह से लिखे होते थे की वे पंक्ति में भी होते थे और उनका अपना अलग भी एक विशेष जियोमेट्रिक  पैटर्न  होता था और वो पैटर्न अलग अलग आकृतियां बनाता था और जिसे इतनी सरलता से नहीं समझा जा सकता था वास्तव में ये चित्रकाव्य एक गणितीय पहेली होते थे जो दूर से देखने पर किसी चित्र या आकृति का रूप लगते  थे इस प्रकार के चित्रकाव्यों को चित्रकविगल शिलालेख कहते हैं और इनकी अलग अलग आकृतियों के अलग अलग नाम हैं जैसे जो चित्रकाव्य चक्र की आकृति के होंगे उन्हें चक्रबंध और साँप वाली आकृति वाले चित्रकाव्यों को सर्पबंध और एक होता है पद्मबंध, गौमूत्र बंध और एक विशेष प्रकार का बंध जिसको कई प्रकार के बंध का मेल कहा जाता है इस का नाम है गुदाजला बंध,सर्वतोभद्र बंध- इस तरह के चित्रकाव्य की विशेषता यह होती है की ये हर तरफ से एक जैसा होता है मतलब इसे किसी भी तरफ से पढ़ा जासकता है आगे से पीछे की ओर ,पीछे से आगे की ओर ऊपर से नीचे की ओर और नीचे से ऊपर की ओर जिसे अंग्रेज़ी में पलिन्ड्रोमे कहते हैं , मुराजबंध, अर्धबृह्माका बंध, अष्टदल पदम् बंध आदि कई अनेक नाम हैं। और जब इन्हे समझने के लिए इनके अक्षरों को एक टेबल फॉर्म में लिखा जाता था तो एक अनोखा गणितीय  पैटर्न सामने आता था जिसके लिए सर्वोच्च स्तर के गणित ज्ञान की आवश्यकता होगी।   


  इस प्रकार के चित्रकविगल शिलालेख राजस्थान, पेरुमल मंदिर,चिँनतारपुरम, महाकलेश्वर मंदिर,उज्जैन, धार के भोजशाला जो की अब कमाल मौला मस्जिद का हिस्सा है के दो अलग खम्बो पर दिखाई देते हैं वैसे ही करकला,उडीपी, बंदलीके गाँव शिमोगा डिस्ट्रिक्ट जैसे कई अन्य जगहों पर ऐसे कई प्राचीन  शिलालेख है।  इन आकृतिनुमा पैटर्न्स को बंध कहते हैं जो एक तरह की जोमेट्रिकल पहेली होते थे।

 
अब आप खुद ही अनुमान लगा लीजिये की किसी कविता के वाक्यों को एक तरीका होता है साधारण  तरीके से लिखना और एक तरीका होता है उसके हर अक्षर और शब्द को एक बंध के रूप में प्रस्तुत करना जिसके लिए उच्च स्तरीय गणितीय गणना की आवश्यकता पड़ती  होगी जो अपने आप में बेहतरीन और दुर्लभ  तरीका है काव्य रचना का जो प्राचीन भारतीय लोगों की विशेषता थी। 

pic credit: academia.edu, justtripping.com and ancient sciences and archaeolgy 

info credit: ancient sciences and archaeology 

               executive editor: Dr M.D.Sampath, dr smt. Pnakaja, smt S.Saroja and Dr. smt S.Kayarkanni

Comment