किस्सा ताला चाबी का ,ajaygarh fort अजयगढ़ किला,पन्ना मध्य प्रदेश
किस्सा ताला चाबी का,अजयगढ़ किला,पन्ना मध्य प्रदेश ,ajaygarh fort (panna, madhya pradesh)
आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पन्ना जिले मे बने इतिहास के एक "अजेय" किले की जिस का नाम "अजयगढ़ किला" है इस किले का निर्माण चंदेल वंश के राजा "गुमान सिंह" ने करवाया था ।
दोस्तों ये तो हम सभी जानते हैं की प्राचीन समय मे राजा महाराजाओं का राज था और उन्होंने अपने राजकाल मे बेहद ही खूबसूरत किलों का निर्माण करवाया और ज़ाहिर सी बात है की जब किले मे राजा का वास हुआ करता था तो वहां ख़ज़ाने को रखने की व्यवस्था भी होती थी । और उस ख़ज़ाने तक कोई ना पहुंच सके इसलिए उसे एक पहेली का रूप दिया जाता था।
ऐसी ही कई अनसुलझी पहेलियाँ अजयगढ़ किले के अन्दर लोगों को दिखाई देती हैं जिन मे से सबसे दिलचस्प पहेली किले के अंदर एक पत्थर पर कुछ कलाकृतियों के साथ एक ताला चाबी के रूप मे तराशी हुई है और उसके ऊपर एक दुसरे पत्थर पर किसी प्राचीन लिपि मे कुछ लिखा हुआ है जिसे लोगों ने पढ़ने की बहुत कोशिश की है ।
इसके बारे मे कहा जाता है की इसमे शायद किले मे छुपे ख़ज़ाने की जानकारी हो सकती है।
किले के ख़ज़ाने का रहस्य और गहराता है जब किले मे आगे बढ़ने पर उसके मुख्य द्वार की चौखट पर कुछ अजीब सी आकृतियाँ बनी हुई दिखाई देती हैं। जिन्हे ध्यान से देखने पर कुछ कुंडलीनुमा आकृति प्रतीत होती हैं जिनमे चौखुंटे आकार मे कुछ अक्षर और अंकों को लिखा गया है और इनके नीचे और ऊपर भी कुछ लिखा हुआ है मानो इन पहेलियों की जानकारी लिखी हो।
इस किले के रहस्य यहीं खत्म नहीं होते हैं इस किले मे और घूमने पर कई प्राचीन मूर्तियाँ, शिलालेख और बड़े बड़े पत्थरों पर बनी हुई प्राचीन और दिलचस्प आकृतियाँ दिखाई देती हैं ।
यहाँ एक और बड़ा सा पत्थर दिखाई देता है जिसमे आप साफ़ तौर पर देख सकते हैं की एक बड़े से पत्थर पर एक बड़ी सी गाय बनी हुई है और उसके ऊपर एक छोटा सा ताला चाबी बना हुआ है । इस पत्थर को ध्यान से देखने पर लगता है की यह पूरी तस्वीर नहीं है बल्कि किसी बड़ी तस्वीर का एक हिस्सा है इस पहेली का एक पहलु और भी नज़र आता है और वह है की इस पत्थर पर गाय के पैरों के नीचे की ओर ध्यान से देखने पर बड़ी ही बारीक तरीके से कोई प्राचीन लिपि मे कुछ लिखा हुआ है जिस का बाकी का हिस्सा कहीं खो चुका है ।
तो क्या जो नीचे लिखा हुआ है वो ऊपर बनी आकृतियों के बारे मे कुछ बताता है ???? क्या इस लिपि मे ताले चाबी का कोई राज़ छुपा हुआ है जो छुपे ख़ज़ाने तक पहुंचा सकता है ??????? आखिर गाय के ऊपर ये ताला चाबी बनाने के पीछे, बनाने वाले का क्या मकसद हो सकता है, और नीचे लिखी लिपि के द्वारा वो क्या बताना चाहता था ?
ये सारे सवाल आज भी सिर्फ सवाल ही बन कर रह गए हैं
और इसके अलावा एक और पत्थर अजयगढ़ किले मे प्रवेश करने पर मुख्य द्वार के पास दिखाई देता है, इस पत्थर पर बेहद ही प्राचीन लिपि मे कुछ लिखा हुआ है जिसे अभी तक कोई भी डीकोड नहीं कर पाया है और शोधकर्ताओं के अनुसार यह कोई प्राचीनतम नागरी लिपि हो सकती है जिसके पीछे की वजह शायद ये हो सकती है की गौर से देखने पर इस शिला पर लिखे हुए कुछ अक्षर हिंदी भाषा के अक्षरों से मेल खाते लगते हैं और माना जाता है की हिंदी भाषा नागरी लिपि का ही एक विकसित रूप है ।
भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने वाले देश मे ऐसे कई किले मौजूद हैं जहाँ शायद प्राचीन और समृद्ध राजवंशों के ख़ज़ाने आज भी छुपे हुए हैं जिनकी चाबी शायद किलों की दीवारों और पत्थरों पर कई अनसुलझी पहेलियों के रूप मे नज़र आती हैं जो आज भी अच्छे अच्छों को चकराती हैं फिर चाहे वो शोधकर्ता हों या आम जनता हो।।
picture credit:news nation
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