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यहाँ दफ़न है रोहिलखण्ड का शेर खान बहादुर खान . रोहिलखण्ड के शेर क्रन्तिकारी

यहाँ दफ़न है रोहिलखण्ड का शेर खान बहादुर खान . रोहिलखण्ड के शेर क्रन्तिकारी

इतिहासिक जानकारियों के अनुसार खान बहादुर खान दरअसल नवाब हाफिज रेहमत खान के पोते थे. 
बरेली में 1857 को जो पहली आजादी की क्रांति शुरू हुई उसके अगुआ थे खान बहादुर खान . ऐसी दिलेरी से अंग्रेजों का सामना किया की अंग्रेज़ भी जान बचा के भाग खड़े हुए और बरेली को कुछ समय के लिए आज़ाद करा लिया . 

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